- डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने कहा- ऐसी समझ पैदा होना गलत कि वायरस कम संक्रामक हुआ, यह खतरनाक है
- मिलान के सैन रैफेल हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ एल्बर्टो जैंग्रिलो मिलान ने कहा था कि इटली में अब कोरोना का असर खत्म हो गया है
दैनिक भास्कर
Jun 02, 2020, 10:40 AM IST
जेनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इटली के डॉ. एल्बर्टो जैंग्रिलो के कोरोना के देश में न होने के दावे का खंडन किया है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने सोमवार को कहा, ‘‘हमें अब भी काफी सावधान रहने की जरूरत है। हमारे अंदर यह समझ पैदा न हो कि अचानक वायरस ने अपनी इच्छा से कम संक्रामक होने का फैसला ले लिया है। यह ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह अब भी जानलेवा है।’’
डब्ल्यूएचओ के साथ ही दुनिया के कई जाने माने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य वैज्ञानिकों ने भी वायरस पर डॉ एल्बर्टो जैंग्रिलो के दावे को मानने से इनकार किया है। ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा है कि अब भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वायरस को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
डॉ जैंग्रिलो ने क्या दावा क्या था?
डॉ एल्बर्टो जैंग्रिलो मिलान के सैन रैफेल हॉस्पिटल के प्रमुख है। उन्होंने रविवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा था, ‘‘वास्तविकता यह है कि इटली में अब वायरस नहीं है। पिछले 10 दिन में इटली में लिए गए स्वैब के नमूनों की जांच में वायरल लोड एक या दो महीने पहले की तुलना में काफी कम पाए गए हैं। किसी न किसी को वायरस की दहशत से पूरे देश को डराने की जिम्मेदारी लेनी होगी।’’
इटली के स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख ने दावे पर हैरानी जताई
इटली की राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख फ्रैंको लोकाटेली ने भी वायरस का खतरा कम होने के दावे पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि हर दिन इटली में नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि इटली में अब भी कोरोना संक्रमण की चेन जारी है। रोम के इंफेक्शियस डिजीज इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर गिसेप इप्पोलिटो ने कहा कि इस बात के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि वायरस का म्यूटेशन कम हो गया या इसके असर में बदलाव आया है।