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बांग्लादेशी डॉक्टरों का कोरोना की दवा खोजने का दावा: कीड़े मारने वाली दवा और एंटीबायोटिक एंटीडॉट से 60 संक्रमित ठीक

  • शोधकर्ताओं का दावा- ठीक होने वाले मरीजों का दो बार टेस्ट किया गया और रिपोर्ट निगेटिव आई
  • दवा खोजने वाले बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने कहा- मरीजों में ड्रग का कोई साइडइफेक्ट नहीं दिखा​​​​​

दैनिक भास्कर

May 18, 2020, 10:08 PM IST

बांग्लादेशी डॉक्टरों की एक टीम ने कोविड-19 की दवा बनाने का दावा किया है। उनका दावा है कि टीम ने दो ड्रग को मिलाकर ऐसा एंटीडॉट तैयार किया है, जिसके परिणाम मरीजों पर चौकाने वाले मिले हैं। शोधकर्ता और बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड प्रो. मोहम्मद तारिक आलम का कहना है कि हमने कोरोना के 60 मरीजों पर दवा का इस्तेमाल किया है और परिणाम काफी सकारात्मक मिले हैं। मरीजों को जब दो दवाओं वाला एंटीडोट दिया गया तो सभी मरीज रिकवर हो गए।  

आईवरमेक्टिन और डॉक्सीसायक्लिन का कॉम्बिनेशन बनाया

प्रो. तारिक बांग्लादेश के जाने माने विशेषज्ञ हैं। उनका कहना कि है जानवरों में परजीवी-कीड़े मारने वाली दवा आईवरमेक्टिन के सिंगल डोज के साथ एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन को मिलाकर एंटीडोट तैयार किया गया। मेरी टीम कोरोना के मरीजों को यही दोनों ड्रग दे रही है। ज्यादातर ऐसे मरीज थे जो सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहे थे और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 

दावा, दवा देने के बाद 4 दिन में रिकवर हुए मरीज

मोहम्मद तारीक का दावा है कि दवा काफी कारगर है। इसे देने के 4 दिन बाद ही कोरोना पीड़ित रिकवर हुए और इसका कोई साइड इफेक्ट मरीजों में नहीं दिखा। ठीक हो चुके सभी मरीजों पर अभी भी नजर रखी जा रही है। बांग्लादेश में कोरोनावायरस के 22 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमण से 238 मौत हो चुकी हैं।

रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजी जा रही

मोहम्मद तारीक के मुताबिक, हमे आशा है कि यह कॉम्बिनेशन कारगर साबित होगा। हम सरकार से सम्पर्क करके इस इलाज को अंतररष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित करने के लिए कागजी कार्यवाही जारी है।  

3 दिन में 50 लक्षणों में कमी आई

बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉ. रबिउल मोर्शीद के मुताबिक, दवा देने के बाद 3 दिनों में कोरोना मरीजों के लक्षणों में 50 फीसदी की कमी और 4 दिनों में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।

एचआईवी और इंफ्लूएंजा के वायरस पर भी असरदार

इसी साल 3 अप्रैल को एंटीवायरल जर्नल में एक ऐसी ही रिसर्च प्रकाशित हुई थी। जिसमें एंटी-पैरासिटिक ड्रग आईवरमैक्टिन से कोरोना के इलाज की बात कही गई थी। शोध के मुताबिक, आईवरमैक्टिन देने के बाद कोशिशओं पर वायरस को 48 घंटे में 5 हजार गुना तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा का एचआईवी, डेंगू, इंफ्लूएंजा और जीका वायरस पर भी असर होता है। 

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