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बद्रीनाथ में 1200 और केदारनाथ में 800 स्थानीय लोगों को दर्शन कराने का आदेश, बद्रीनाथ में करीब 15 लोगों ने किए दर्शन, मंदिरों के पुजारी और समितियां अभी दर्शन कराने के पक्ष में नहीं

  • कोरोना वायरस की वजह से 30 जून तक बाहरी लोग नहीं कर सकेंगे तो उत्तराखंड के चारधाम मंदिरों में दर्शन

दैनिक भास्कर

Jun 12, 2020, 05:00 PM IST

अनलॉक-1 में देशभर के कई बड़े मंदिर तय नियमों का पालन करते हुए आम भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड ने बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री में 400 स्थानीय भक्तों को दर्शन के लिए प्रवेश देने का आदेश दिया है। इन मंदिरों में 30 जून तक बाहरी प्रदेशों के भक्तों का प्रवेश वर्जित रहेगा। लेकिन, उत्तराखंड के इन चारधामों के पुजारी और समितियां कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्थानीय भक्तों के लिए भी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। सिर्फ बद्रीनाथ में ही 10-15 स्थानीय लोगों ने दर्शन किए, बाकि मंदिरों में दर्शन नहीं हो पा रहे हैं।

30 जून तक यात्रा शुरू न करने की मांग

इन चारधाम मंदिरों की समितियों और पुजारियों ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि देशभर में कोरोना लगातार बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में फिलहाल चारधाम की यात्रा शुरू नहीं करनी चाहिए। समितियां 30 जून के बाद यात्रा और दर्शन शुरू करने की बात कह रही हैं। बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने बताया कि अभी इन धामों की यात्रा शुरू करने के लिए समय सही नहीं है। बाहरी लोगों के आने ये यहां के लोगों में कोरोना फैल सकता है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के आदेश के बाद 10 और 11 जून को बद्रीनाथ के आसपास के गांवों के कुछ ही लोग दर्शन के पहुंचे थे। हम अभी स्थानीय लोगों के लिए भी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं।

केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष विनोद शुक्ला, गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, यमनोत्री मंदिर समिति सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया है कि हम सभी देवस्थानम् बोर्ड के आदेश के पक्ष में नहीं हैं। इसीलिए यहां सिर्फ पुजारी और मंदिर समिति के लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। स्थानीय भक्तों के लिए भी प्रवेश वर्जित है। जब तक कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रित नहीं होता है, तब तक हमें मंदिर में दर्शन शुरू नहीं करना चाहिए।

बोर्ड ने दर्शन के लिए तय किए हैं नियम

देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 30 जून तक इन चारों मंदिरों में अन्य प्रदेशों के बाहरी भक्तों का प्रवेश वर्जित रहेगा, लेकिन स्थानीय भक्त इन मंदिरों में दर्शन कर सकते हैं। इस दौरान भक्तों को तय नियमों का पालन करना होगा। स्थानीय दर्शनार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।

रोज सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए भक्तों को देवस्थानम् बोर्ड से टोकन प्राप्त करना होंगे। ये टोकन भी निश्चित समय के लिए दिए जाएंगे। टोकन लेते समय भी दूरी बनाए रखना होगी, मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा। 1 घंटे में करीब 120 भक्त दर्शन कर पाएंगे। दर्शन के लिए लाइन लगे भक्तों को दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा।

इन मंदिरों में सिर्फ दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में बैठने, रुकने और पूजा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक व्यक्ति को सिर्फ तीन लोगों के लिए टोकन दिए जा सकेंगे।

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