
Bhopal Suicide News: कंपनी का मुखौटा ओढ़े साइबर अपराधी परिवार का पीछा छोड़ने के लिए 17 लाख रुपये मांग रहे थे।
आनलाइन जाब करके परिवार को सुविधाएं देने की चाह से शुरू हुए सफर का अंत पूरे परिवार की तबाही पर आकर खत्म हुआ। जिस कंपनी के लिए काम शुरू किया, उसने फायदे का लालच देकर पहले आनलाइन लोन दिलवाकर कर्जदार बनाया। इसके बाद और पैसों की मांग की। मना करने पर जिंदगी भर की बचत छीनते हुए निजी फोटो सार्वजनिक कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी। कंपनी का मुखौटा ओढ़े साइबर अपराधी परिवार का पीछा छोड़ने के लिए 17 लाख रुपये मांग रहे थे। कर्ज और संपादित निजी तस्वीरें बहुप्रसारित होने से हताश दंपती ने पहले अपने दो बच्चों को जहर देकर मार दिया, फिर खुद एक ही दुपट्टे से फांसी के फंदे पर झूल गए। यह हृदय विदारक घटना गुरुवार तड़के भोपाल के रातीबड़ स्थित शिव विहार कालोनी में हुई। पोस्टमार्टम के बाद स्वजन चारों के शव लेकर पैतृक नगर रीवा चले गए हैं।एसीपी टीटीनगर चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि शिव विहार कालोनी में रहने वाले 38 वर्षीय भूपेंद्र विश्वकर्मा टाटा एआइजी कंपनी की बीमा शाखा में काम करते थे। परिवार में 34 वर्षीय पत्नी ऋतु के अलावा दो पुत्र नौ वर्षीय ऋषिराज व तीन वर्षीय ऋतुराज थे। भूपेंद्र ने गुरुवार सुबह चार बजे भतीजी को वाट्सएप पर पूरे परिवार की सेल्फी और सुसाइड नोट भेजा। इसमें लिखा कि यह हमारा आखिरी फोटो है। इसके बाद कभी नहीं दिखेंगे।
मौके से कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतल, जहर के पैकेट भी मिले
सुबह छह बजे भतीजी ने चाचा का मैसेज पढ़ा, तब घटना का पता चला। सामूहिक आत्महत्या की सूचना पर सुबह सात बजे पुलिस मौके पर पहुंची तो पति-पत्नी छत पर लगे पंखे के हुक से लटके मिले। पास ही दोनों बच्चे मृत पड़े थे। मौके से कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतल, जहर के पैकेट भी मिले। पास ही रखी मेज पर डायरी के बीच चार पन्नों का सुसाइड नोट रखा मिला। इसमें आनलाइन लोन एप कंपनियों की धोखाधड़ी से परेशान होकर इस तरह का कदम उठाने की बात लिखी गई है।