“दुख तो देता ही है, जिन्होंने मेडल आने पर इतना मान सम्मान दिया था, घर बुलाया था और वो इस बारे में बात ही नहीं कर रहे हैं.”
रोहतक में पहलवान साक्षी मलिक के अखाड़े के अहाते में जब मैं अपने सवालों के साथ पहुँची, तो वो बिना लाग लपेट अपनी बात कहने को तैयार दिखीं.मैंने पूछा कि पाँच महीने से चल रहे उनके आंदोलन पर प्रधानमंत्री मोदी से क्या कहना चाहती हैं, तो बोलीं, “उन्होंने हमसे अभी इस टॉपिक पर कोई बात ही नहीं की जो कि एक बहुत सेन्सिटिव मुद्दा है, और हम सब तो उनसे पर्सनली मिले भी हैं, उनके साथ लंच किया है, बेटी बुलाते हैं वो हमें, तो यही कहना चाहूँगी कि हमारे मुद्दे को वो अपने संज्ञान में लें.”
उनको ज़रूर इनवॉल्व होकर बोलना चाहिए कि ये जो पुलिस कार्रवाई है वो बिल्कुल निष्पक्ष हो, जाँच में कोई भी छेड़छाड़ ना की जाए, हम बस इतना चाहते हैं कि जो भी जांच हो वो निष्पक्ष हो.”
सरकार के अन्य क़दमों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी क्या चोट देती है या इतनी ज़रूरी नहीं, ये पूछने पर साक्षी के चेहरे का तनाव हल्का सा पिघला और वो बोलीं, “चोट तो देता ही है, 40 दिन के लगभग हम रोड पर थे तब तक भी कुछ नहीं था. जब प्रोटेस्ट किया तब भी कुछ नहीं था जबकि उनको सब पता है कि हम किस चीज़ के बारे में प्रोटेस्ट कर रहे हैं.”
पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत साक्षी मलिक ने क़रीब पाँच महीने पहले कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर आवाज़ उठाई थी.बृजभूषण शरण सिंह ने इन सभी आरोपों से कई बार इनकार किया है और कहा है कि वे कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार करेंगे.
सरकार ने अब तक क्या किया?
जनवरी में इनके दिल्ली में प्रदर्शन पर बैठने के बाद खेल मंत्रालय ने आरोपों की जाँच के लिए एक ‘ओवरसाइट कमेटी’ का गठन किया, जिसे संघ के रोज़मर्रा के काम करने का ज़िम्मा भी दिया गया.
‘ओवरसाइट कमेटी’ की जाँच ख़त्म होने के बाद सिफ़ारिशें सार्वजनिक नहीं की गईं लेकिन कुश्ती महासंघ के कार्यभार को दो सदस्यीय ‘ऐडहॉक कमेटी’ को दे दिया गया.
साक्षी समेत यौन उत्पीड़न की शिकायत करनेवाली सभी महिला पहलवानों ने ‘ओवरसाइट कमेटी’ के काम करने के तौर तरीके पर संदेह जताया.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हालाँकि गृह मंत्री और खेल मंत्री ने पहलवानों से मुलाक़ात की.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बैठक के बाद मीडिया को बताया, “बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जो आरोप लगाए गए हैं उनकी जाँच पूरी कर 15 जून तक चार्जशीट दायर होने, कुश्ती महासंघ का चुनाव 30 जून तक किए जाने, उनमें सिंह के परिवार के सदस्यों के ना शामिल होने और कुश्ती महासंघ में यौन उत्पीड़न रोकथाम के लिए इंटर्नल कमेटी बनाने पर बात हुई है.”
इस बैठक के बाद पहलवानों ने 15 जून तक अपने प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है.