April 29, 2024 : 4:56 AM
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जापान में ओमिक्रॉन के डर से बूस्टर डोज लगना शुरू, जानें भारत की क्या है स्थिति

टोक्यो. जापान ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन (Coronavirus Omicron Variant) को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बुधवार को कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर डोज (Covid-19 Booster Dose) स्वास्थ्य कर्मियों को देना शुरू कर दिया. ओमिक्रोन के दो मामले जापान में सामने आ चुके हैं. जापान में प्रारंभिक टीकाकरण अभियान फरवरी के मध्य में शुरू हुआ था. ऐसे चिकित्साकर्मियों जिन्हें नौ महीने से अधिक समय पहले टीके की खुराक दी गई थी, वे अब संक्रमण की संभावित अगली लहर से पहले अतिरिक्त सुरक्षा प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं. विशेष तौर पर नए स्वरूप ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद इसकी आशंका बढ़ गई है. ओमिक्रॉन का सबसे पहले पता पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में चला था. इसका मामला मंगलवार को जापान में सामने आयाजापान से पहले यूके में भी ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए बूस्टर वैक्सीनेशन देने का कार्यक्रम शुरू हो गया है. भारत में भी वायरस के नए वेरिएंट को देखते हुए

वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose Policy of India) को लेकर बनाई जा रही रणनीति अगले 2-3 हफ्ते में तैयार कर ली जाएगी. इससे पहले कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. एनके अरोड़ा (Dr. NK Arora) ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन के अतिरिक्त और बूस्टर डोज को लेकर 15 दिन के भीतर व्यापक नीति आ सकती है

.ऐसे लोगों को बूस्टर डोज में प्राथमिकता
बता दें भारत में डॉक्टर्स का भी ऐसा मानना है कि लोगों को बूस्टर शॉट देने की शुरुआत कर देनी चाहिए. बूस्टर डोज प्रतिरक्षा में अक्षम लोगों को दी जाती है, जबकि स्वस्थ लोगों को दूसरी खुराक दिए जाने के कुछ महीनों के बाद बूस्टर शॉट (Booster Shot) दिया जाता है. जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर या ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी बीमारियों के कारण खराब हो जाती है, उन्हें तय किए गए दो-डोज वैक्सीनेशन प्रोग्राम से सुरक्षित नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में, स्वस्थ आबादी से पहले ऐसे लोगों को तीसरी खुराक देना अहम हो जाता है.टोक्यो मेडिकल सेंटर में, नर्सों और डॉक्टरों के एक समूह को बूस्टर डोज दिये गए हैं. अस्पताल के प्रमुख काज़ुहिरो अराकी ने कहा, ‘‘यह हमारे रोगियों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा की भावना के साथ इलाज करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहला कदम है.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि नए स्वरूप के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता का अभी पता लगाया जा रहा है, बूस्टर डोज महत्वपूर्ण है क्योंकि टीके डेल्टा सहित वायरस के अन्य स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हैं.

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