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जीर्णोद्धार:गुरुग्राम में जिलावासियों के सहयोग से तालाबों व जलाशयों का किया जाएगा जीर्णोद्धार

गुड़गांव8 घंटे पहले

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बैठक करते अधिकारी - Dainik Bhaskar

बैठक करते अधिकारी

  • जल शक्ति अभियान के तहत 30 नवंबर तक चलाई जाएंगी जल संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियां।

गुरुग्राम जिला में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही जिला जल संरक्षण योजना तैयार की जाएगी। इस योजना को तैयार करने की दिशा में गुरुग्राम जिला प्रशासन काम कर रहा है।

इस बारे में जानकारी शुक्रवार को गुरुग्राम के उपायुक्त डाॅ. यश गर्ग ने प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह द्वारा चंडीगढ़ मुख्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति अभियान-‘कैच दा रेन, वेयर इट फाल्स‘ के लिए ली गई समीक्षा बैठक में दी। इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेेन्द्र सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों को बारिश के पानी का संचय करने के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इन दिनों प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बारिश के ज्यादा से ज्यादा पानी को संचय करने के लिए जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस के मौके पर 22 मार्च को देश भर में लांच किया था। अभियान का उद्देश्य 22 मार्च से 30 नवंबर 2021 तक पूरे देश में मानसून से पहले और मानसून के दौरान लोगों की भागीदारी के जरिए जमीनी स्तर पर जल संरक्षण के लिए आंदोलन चलाना है।

समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिला के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं जो इस अभियान के दौरान हर जिला को प्राप्त करने हैं। गुरूग्राम जिला के लिए भी जल शक्ति अभियान के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें जल संरक्षण और रेन वाटर हार्वेस्टिंग मद में 2106 का लक्ष्य रखा गया है। उपायुक्त डा. यश गर्ग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताया कि इस लक्ष्य के विरूद्ध जिला में 405 रेनवाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जा चुके हैं। इसी प्रकार, जिला में 21 पारंपरिक जोहड़ो तथा जलाशयों का जीर्णोद्धार करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 4 जोहड़ो अथवा तालाबों का जीर्णोद्धार हो भी चुका है। जिला में पुराने बेकार पड़े 98 बोरवेल अथवा ट्यूबवैल का उपयोग भी भूजल रिचार्ज करने के लिए किया जाएगा। यही नही, जिला में 35 वाटर शैड विकसित करने का लक्ष्य भी रखा गया है, जिसमें से उपायुक्त डाॅ गर्ग के अनुसार 24 वाटरशैड स्ट्रक्चर बना लिए गए हैं। इस अभियान के तहत बरसात के मौसम में इस बार 4 लाख 19 हजार 500 पौधे लगाने का भी लक्ष्य रखा गया है। लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने को लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र भी जिला में 332 मेले लगा चुका है।

उपायुक्त डा. गर्ग ने बताया कि जिलावासियों को बरसाती पानी को बचाने और जमीन में डालने को प्रेरित करने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रचार गतिविधियां भी करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम जिला में गुरुजल नामक सोसायटी बनाकर जल संरक्षण और तालाबो के जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के सहयोग से लगभग 170 साल पुराने घाटा बंध का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान तथा लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेन्द्र भी उपस्थित थे।

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