अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: Jeet Kumar Updated Sat, 24 Jul 2021 04:57 AM IST
सांकेतिक तस्वीर…. – फोटो : social media
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भले ही शांतनु सेन को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया हो, लेकिन संसद के अंदर अन्य सभी विपक्षी दलों के मुकाबले सबसे अधिक तृणमूल कांग्रेस की उपस्थिति ही सबसे प्रभावी दिखी।
दरअसल, पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी की निगाहें राष्ट्रीय राजनीति पर लगी हैं। इसीलिए उन्होंने अपने सांसदों को निर्देशित किया है कि संसद की कार्यवाही में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और मीडिया में भी बतौर मुख्य विपक्षी दल वे ही दिखाई दें।
यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से संसद में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की अति सक्रियता अलग ही दिख रही है। चाहे पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी और महंगाई का विरोध करने के लिए साइकिल चलाकर संसद पहुंचना हो या संसद के बाहर प्रदर्शन हर जगह तृणमूल सांसद सबसे आगे दिख रहे हैं।
कांग्रेस नेता सोशल मीडिया पर व्यस्त
भले ही राज्यसभा में कांग्रेस के सांसदों की संख्या भले ही तृणमूल के सांसदों की तीन गुना से भी अधिक हो, लेकिन कांग्रेस नेता सिर्फ सोशल मीडिया पर या टीवी डिबेट में हिस्सा लेते ही दिख रहे हैं। जबकि तृणमूल नेता सड़कों पर और संसद के अंदर विरोध कर रहे हैं।
नेतृत्व की कमी को भरने का प्रयास
कांग्रेस के पास भले ही लोकसभा और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस से कहीं अधिक सांसद हों, लेकिन वे पिछले सवा दो वर्षों के दौरान किसी भी मामले पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाए हैं। विपक्षी नेतृत्व की इसी कमी को भरने का प्रयास तृणमूल सांसद कर रहे हैं।