11 घंटे पहले
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कौन से लक्षण बताते हैं कि मरीज लॉन्ग कोविड का शिकार हो सकता है, इसे समझाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की है। वैज्ञानिकों का कहना है, संक्रमण होने के बाद पहले ही हफ्ते में कोरोना से जुड़े 5 लक्षण दिखते हैं तो मरीज को लॉन्ग कोविड होने का खतरा ज्यादा रहता है। इन 5 लक्षणों में थकान, सिरदर्द, सांस से जुड़ी समस्या, बुखार और पेट से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं।
रिसर्च करने वाली ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, कोरोना पीड़ितों से जुड़े डाटा की मदद से लॉन्ग कोविड के 10 लक्षण भी बताए गए हैं। इनमें सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, जोड़ों में दर्द, सीने में दर्द, डायरिया, स्वाद और खुशबू का न मिल पाना शामिल हैं।
क्या है लॉन्ग कोविड
लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है। आसान भाषा में इसका मतलब है शरीर से वायरस जाने के बाद भी कुछ न कुछ लक्षण दिखते रहना। कोविड-19 के जिन मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, उन्हें महीनों बाद भी समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लंबे समय तक बने रहना ही लॉन्ग कोविड है।
लॉन्ग कोविड की वजह समझना जरूरी
शोधकर्ता ओलालेकन ली कहते हैं, लॉन्ग कोविड से जूझने वाले मरीज खुद को अकेला महसूस करते हैं। ये अपने आप को बीमार समझते हैं। शोधकर्ता शमिल हरूनी का कहना है, अब तक यह नहीं समझा जा सका है कि क्यों कुछ लोग लॉन्ग कोविड से जूझते हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसे मामलों को जल्द से जल्द समझा जाए।
फेफड़ों की क्षमता घट जाती है
वैज्ञानिकों का कहना है, ऐसा देखा गया है कि हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद सार्स और मेर्स के मरीजों में से 25 फीसदी लोगों के फेफड़े ठीक से काम नहीं करते। इनकी एक्सरसाइज करने की क्षमता में गिरावट आती है। शोधकर्ता मिलेनी कालवर्ट के मुताबिक, लॉन्ग कोविड से जूझने वाले मरीजों में दिखने वाले लक्षणों और कॉम्प्लीकेशंस को गहराई से समझने की जरूरत है।
लॉन्ग कोविड पर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की न्यूरोसाइंटिस्ट एथेना अक्रमी कहती हैं कि ऐसे मरीजों में आगे कितनी तरह के लक्षण दिखेंगे, इसकी बहुत कम जानकारी मिल पाई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जैसे-जैसे समय बीतता है, लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। ये कितनी गंभीर होंगे और इनका रोजमर्रा की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा, इसका पता भी बाद में ही चलता है।