April 27, 2024 : 12:02 PM
Breaking News
MP UP ,CG

MP में मानसून भटका, कई जगह दोबारा बोवनी:मालवा में 6-7 दिन और बची रह सकती हैं सोयाबीन-मक्का फसलें; जबलपुर-होशंगाबाद में धान रोपाई अटकी, सागर-रीवा में मुरझाई फसलें

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • Crops Will Survive For A Week In Malwa Nimar, If There Is No Rain, Soybean maize Crops Worth Crores Will Dry Up

इंदौरएक घंटा पहले

प्रदेश में मौसम की बेरुखी से अब फसलों पर संकट मंडराने लगा है। अभी मालवा-निमाड, छिंदवाड़ा, भोपाल, होशंगाबाद, सागर में संभाग सोयाबीन, मक्का आदि सुरक्षित हैं, लेकिन अगर एक हफ्ते तक अगर बारिश नहीं हुई, तो फसलों को नुकसान हो सकता है। वैसे, खंडवा में 80% किसान दोबारा सोयाबीन की बोवनी कर चुके हैं। चूंकि सोयाबीन-मक्का के मामले में मालवा निमाड़ सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला क्षेत्र हैं। यहां से विदेश तक निर्यात होता है।

गुना में 15 दिन पहले मानसून आ जाने के बाद भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, जिससे सोयाबीन का आधा रकबा ही रह गया है। वैसे, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इंदौर, भोपाल, सागर व होशंगाबाद के कुछ हिस्सों में 4-5 दिनों में बारिश हो सकती है।

इस बार पिछले साल के तुलना में इंदौर में स्थिति अलग है। पिछले साल मानसून आने के बाद अगस्त के 20 दिनों में बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इस साल अभी तक सिर्फ 4.5 इंच ही बारिश हुई है, जबकि पिछले साल 7.5 इंच बारिश हो चुकी थी। 11 साल बाद जहां जुलाई में सबसे कम बारिश हुई है, वहीं गर्मी भी समय के लिहाज से बहुत ज्यादा (36.3 डिग्री) है। ऐसे में अभी मालवा-निमाड़ में अभी एक हफ्ते तक तो सोयाबीन, मक्का को नुकसान नहीं है, लेकिन इसके बाद भी बारिश नहीं हुई तो स्थिति खराब हो सकती है।

डिप्टी डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) एसएस राजपूत इंदौर के मुताबिक अभी स्थिति सूखने जैसी नहीं है। बारिश होने के बाद स्थिति सुधरेगी। एक हफ्ते तक कोई दिक्कत नहीं है। इस साल 2.22 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन और 8500 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बोवनी हुई है। वैसे, मप्र में पिछले साल से बारिश कम है। अगर एक हफ्ते बाद बारिश आती है, तो फिर नुकसान की आशंका नहीं है।

80% किसानों ने की दोबारा बोवनी
खंडवा समेत निमाड़ में पिछले 3 दिन से बारिश नहीं हुई है। खंडवा, खरगोन, बड़वानी व बुरहानपुर जिले में करीब 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हुई है। बारिश की कमी के चलते खंडवा में 80% किसान दोबारा बोवनी कर चुके हैं। एक-दो दिन में बारिश नहीं हुई, तो तीसरी बोवनी की नौबत आ जाएगी।

एक्सपर्ट की सलाह- किसान बीजों की शॉर्ट ड्यूरेशन वैरायटी से बाहर आएं
नेशनल रिसर्च सोयाबीन सेंटर (इंदौर) की डायरेक्टर (एक्टिंग) नीता खांडेकर ने बताया कि आर्गेनाइजेशन बीजों की वैरायटी रिलीज करता है। इसके लिए पहले ब्रीडर सीड (बीज) बनाते हैं। ये बीज एग्रीकल्चर कॉलेज, सीड कॉर्पोरेशन व अन्य एजेंसियों को दिए जाते हैं। वहां ब्रीडर सीड से एक साल में फाउण्डेशन बनता है और फिर सर्टिफाइड बनवाते हैं। फिर यहां से किसानों को बेचे जाते हैं।

किसान बीजों की शॉर्ट ड्युरेशन वैरायटी चाहते हैं। इस साल सीड की परेशानी है। पिछले साल जुलाई में बारिश हुई थी और अगस्त में 20 दिन बारिश नहीं हुई थी। ऐसे में फसलों को बीमारियां लग जाती है और किसान पहचान नहीं पाते। वे शॉर्ट ड्यूरेशन अवधि वाले बीज की बोवनी करते हैं। सोयाबीन बाहर से लाई गई फसल है। इससें पहले शॉर्ट ड्यूरेशन की एक वैरायटी आई, फिर दूसरी आई। शॉर्ट ड्यूरेशन (90 दिनों) की वैरायटी काफी पुरानी है। किसान 100-105 दिन वाली वैरायटी लेने को तैयार नहीं होते। ऐसे में पुरानी वैरायटी से परेशानी बढ़ जाती है।

अभी अधिक अवधि वैरायटी वाले बीज तैयार हैं, लेकिन जरूरत है कि किसान इसे तेल निकालने के लिए मार्केट में नहीं बेचे, बल्कि इसका प्रचार-प्रसार हो। अब इस साल स्थिति मौसम पर निर्भर है। वैसे पहले जो बारिश हुई है, उससे नमी है। पानी नहीं हो तो दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अभी अच्छी स्थिति है, इसलिए सर्वाइव कर रही है। कुछ जगह ही स्थिति खराब है।

विंध्य में बारिश होने से अंकुरित बी नष्ट हो गए
विंध्य में एक हफ्ते से बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी चली गई है। ऐसे में रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिले में अल्प वर्षा से किसानों के माथे में चिंता की लकीर साफ मंड़राने लगी हैं। वहीं, दूसरी ओर कई खेतों में बीज डाल देने वाले किसान सबमर्सिबल पंप से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं, जबकि रोपा के अलावा छिटुआ धान की बोवनी करने वाले किसानों के अंकुरित बीज नष्ट हो गए हैं।

जबलपुर में धान की रोपाई प्रभावित जबलपुर में अब तक 203 मिमी बारिश हुई है। उमस से लोग परेशान हैं। जेठ जैसा आषाढ़ गुजर रहा है। बरगी बांध का जलस्तर 414 मीटर से घटकर 413 मीटर हो गया है। पारा 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक का पहुंच रहा है। अधारताल मौसम विज्ञान केंद्र के सहायक वैज्ञानिक देवेंद्र कुमार तिवारी के मुताबिक अभी मौसम इसी तरह का कुछ दिन रहेगा। वर्तमान में एक ट्रफ लाइन नीचे बना हुआ है, जो राजकोर्ट से मध्य विदर्भ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है।

दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र भी कमजोर हुआ है। अरब सागर के ऊपर बने सिस्टम का प्रभाव भी मुम्बई व आसपास के क्षेत्रों तक ही सीमित है। इसके आगे बढ़ने पर ही बारिश की उम्मीद है। दरअसल जबलपुर देश के सेंटर में होने से यहां बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ओर का मानसून आते-आते कमजोर हो जाता है।

इस कारण यहां इस बार औसत से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है। कई बार दोनों ओर का मानसून तेजी से बढ़ता है, तो अच्छी बारिश भी हो जाती है। बारिश न होने से धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। पाटन-शहपुरा में रोपा हो चुका है, तो वहां सिंचाई करते हुए किसान परेशान हैं।

ग्वालियर में जुलाई सूखा, धान की फसल संकट में
ग्वालियर में मानसून भटक गया है। यहां जुलाई में बारिश नहीं के बराबर है। यही कारण है कि डबरा और भितरवार में धान की फसल के लिए संकट पैदा हो गया है। अभी तक 47.7 मिमी ही बारिश हुई है।

बुंदेलखंड में सोयाबीन की बोवनी खराब
सागर में बारिश नहीं होने से सोयाबीन की बोवनी खराब होने की कगार पर है। यदि तीन-चार दिन बारिश नहीं हुई, तो फसल खराब हो सकती है। इसके चलते किसान चिंतित हैं। अगर ये ही हालात रहे तो उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। यहां अब तक 188 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर होशंगाबाद में 65 फीसदी बोवनी हुई है। बारिश की वजह से धान के रोपाई में देरी हो रही है। सोयाबीन, दोबारा बोवनी फिलहाल नहीं बनी।

छिंदवाड़ा में नुकसान नहीं
छिंदवाड़ा में खरीफ के सीजन में करीब 95% बोवनी हो चुकी है। जिले में खरीफ के सीजन का कुल 4.90 लाख हेक्टेयर रकबा है। जिले में अभी मानसून की दस्तक नहीं है, लेकिन फिर भी एक दो दिन अंतराल में अलग-अलग जगह बारिश होने से फिलहाल नुकसान की संभावना नहीं है। डिप्टी डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेआर हेडाऊ ने बताया, जिले में अभी तक 325.3 मिलीमीटर बारिश हुई है वहीं पिछले साल जुलाई तक 386 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। जिले में खरीफ के सीजन में लगभग 95 % बोवनी हो चुकी हैं।

गुना में सोयाबीन का रकबा अब आधा
गुना में 15 दिन पहले मानसून आ जाने के बाद भी बारिश का कोटा पूरा नहीं हो पाया है। पिछले साल की तुलना में इस साल सोयाबीन का रकबा आधा रह गया है। करीब 45 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बारिश के इंतजार में सोयाबीन की बोवनी नहीं की। अब सोयाबीन की बोवनी का समय निकल चुका है। किसानों ने जो बीज खरीद कर रखा था वह भी वैसा ही रखा रह गया।

रतलाम में फसलें मुरझाने लगी
रतलाम में जुलाई में मात्र 3.3 इंच बारिश दर्ज की गई है। जिले में सोयाबीन की बुवाई 90 फीसदी तक हो चुकी है। कई गांवों में किसानों को दोबारा भी सोयाबीन की बुवाई करनी पड़ी है। जुलाई में पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसानों की फसलें मुरझाने लगी है।

क्या कहते हैं किसान

एक हफ्ते तक चिंता नहीं
ग्राम बफापुर ढाकनी (आष्टा) के किसान अनिल वर्मा ने बताया, पिछली बार सोयाबीन की नई वैरायटी (जेएस-2069) की बोवनी की थी, तो अच्छा फीडबैक मिला था। इस बार 18 से 20 जून के बीच 7 एकड़ जमीन में सोयाबीन की बोवनी की है। पिछले दिनों दो से तीन बार में हुई थोड़ी बारिश से नमी है व फसल अच्छी है। अभी ऐसी दिक्कत नहीं है। किसान सीताराम वर्मा व अरविंद वर्मा के भी खेत इसी गांव में हैं। उनका कहना है, अभी स्थिति अच्छी है, लेकिन एक हफ्ते तक बारिश नहीं हुई, तो चिंता बढ़ सकती है।

ग्राम बफापुर ढाकनी (आष्टा) के किसान अनिल वर्मा की फसल अभी अच्छी स्थिति में है।

ग्राम बफापुर ढाकनी (आष्टा) के किसान अनिल वर्मा की फसल अभी अच्छी स्थिति में है।

फसलें अच्छी, लेकिन ग्रोथ रुकी
ग्राम लोहारी, सादलपुर (घाटा बिल्लौद) के किसान बने सिंह चौहान ने 75 एकड़ जमीन में सोयाबीन की छह किस्मों की बोवनी की है। उनके मुताबिक पिछले दिनों थोड़ी बारिश हुई थी। इसके चलते फसलें अच्छी स्थिति में तो हैं लेकिन ग्रोथ रुकी हुई है। अगर 3-4 दिन में बारिश होती है, तो ग्रोथ बढ़ेगी। ग्राम माचकदा के किसान विक्रम जाट व रामचंद्र जाट ने बताया कि अभी 10 फीसदी नुकसान हुआ है। फिर भी बाकी फसलें अभी सामान्य हैं। अब पानी बहुत जरूरी है।

वैरायटी में बदलाव से फसल सुरक्षित
ग्राम सेमल्या चाऊ के किसान रविन्द्र कुमार ने बताया, इस बार बदलाव करते हुए सोयाबीन की आरवीएस-28 वैरायटी की बोवनी की है। अभी 17 दिन हुए हैं। थोड़ी बारिश होने के बावजूद फसल अच्छी है। एक हफ्ते बाद भी बारिश हुई, तो फसल अच्छी स्थिति में रहेगी।

ग्राम सेमल्या चाऊ के किसान रविन्द्र कुमार ने 17 दिन पहले सोयाबीन की बोवनी की है

ग्राम सेमल्या चाऊ के किसान रविन्द्र कुमार ने 17 दिन पहले सोयाबीन की बोवनी की है

खबरें और भी हैं…

Related posts

सराफा के 60 से ज्यादा व्यापारियों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन घोषित किया, शनिवार और रविवार को बंद रखेंगे प्रतिष्ठान, नवरात्रि में इस बार नहीं होंगे गरबे

News Blast

222 दिन बाद जबलपुर सेंट्रल जेल में बंदी कर पाए परिजनों से मुलाकात, 10 मिनट का मिलेगा मौका

News Blast

Mathura Loot Case Latest Update । Miscreants Looted Drug Trader And Bike In Mathura Uttar Pradesh | बदमाशों ने दवा कारोबारी से 35 हजार लूटे; फरार होते समय कार खंभे से टकराई तो राहगीर से बाइक छीनकर भागे

Admin

टिप्पणी दें