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- Tribal Organization Jais Workers Held A Meeting, Said Get The Matter Investigated By CBI, Give Compensation Of One Crore Rupees To The Families Of The Dead
देवास3 घंटे पहले
नेमावर में हजारों आदिवासी इकट्ठे हुए।
देवास जिले में हुए नेमावर हत्याकांड अब तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर आदिवासी एकजुट होकर उनका आक्रोश फूटा है। इस संबंध में रविवार को शहर में आदिवासी संगठन जयस की आमसभा हुई। इसमें प्रदेशभर के हजारों कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल हुए। जयस प्रमुख डॉक्टर हीरालाल ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही, कहा है कि पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। मांगें नहीं मानने पर विधानसभा घेरने की चेतावनी दी है।
देवास के नेमावर में 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है। अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। एक के बाद एक संगठन और राजनीतिक दल मृतकों के परिजनों के समर्थन और सरकार के विरोध में सड़क पर उतर रहे हैं।
रविवार को बस स्टैंड पर आदिवासी संगठन जयस से जुड़े कार्यकर्ता आसपास के कई जिलों से आकर हजारों की संख्या में जमा हुए। सभा में जयस प्रमुख डॉ. हीरालाल, भारतीय गोंडवाना पार्टी प्रमुख मोनिका बट्टी के साथ कई आदिवासी संगठन शामिल थे। आमसभा से पहले मुख्य मार्गों से जन आक्रोश रैली भी निकाली गई। आमसभा में मांग की गई, हत्याकांड में शामिल आरोपियों को फांसी दी जाए। परिवार के सदस्य को शासकीय नौकरी व एक-एक करोड़ रुपए सहायता के साथ सीबीआई से जांच करने की मांग की।
जयस प्रमुख डॉक्टर हीरालाल अलावा ने सभा में पुलिस प्रशासन और शासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। जयस ने मांग की कि घटनास्थल की जगह को मृतकों के स्मारक और समाज के लिए दिया जाए।
आरोप लगाया कि सामूहिक दुष्कर्म कर हत्याएं की गई हैं। उन्होंने मामले में और भी मांगें रखते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही, चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं, तो आदिवासी समाज के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे। सभा में लोगों ने पुलिस-प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
ये है मामला
आरोप है कि 13 मई को नेमवार में सुरेंद्र राजपूत ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से आदिवासी परिवार के 5 सदस्यों की हत्या करके अपने खेत में दफना दिया था। डेढ़ महीने बाद पांचों के शव पुलिस ने 10-12 फीट की खुदाई करके बाहर निकाला था। हत्याकांड की मुख्य वजह आदिवासी परिवार की बेटी रूपाली को सुरेंद्र के शादी में रोड़ा बनना था। दोनों में अफेयर था और रूपाली शादी के लिए दबाव डाल रही थी, जबकि सुरेंद्र की कहीं और शादी तय हो गई थी।
इनकी हत्या की गई थी
पुलिस ने हुकुमसिंह के खेत से ममताबाई कास्ते (45), रूपाली कास्ते (21), दिव्या कास्ते (14), पूजा (15) और पवन (14) के शव बरामद किए हैं। आरोपियों ने 13 मई को ही इन पांचों की हत्या करके दफना दिया था। 29 जून को पुलिस ने खेत में खुदाई कराकर पांचाें शव बरामद किया था।