May 2, 2024 : 11:45 PM
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हमारी बचत पर कोरोना ग्रहण:मप्र में पीएफ के 12 लाख खातों से जून तक निकले 3500 करोड़ रुपए, बीते दो महीने में 1.5 टन सोना गिरवी रखकर 700 करोड़ रु. का लोन लिया

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भोपालएक घंटा पहलेलेखक: गुरुदत्त तिवारी

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12 लाख लोगों ने इस साल जून तक करीब 3500 करोड़ रु. की राशि पीएफ खातों से निकाली। - Dainik Bhaskar

12 लाख लोगों ने इस साल जून तक करीब 3500 करोड़ रु. की राशि पीएफ खातों से निकाली।

  • लोगों ने पीएफ निकाला, सोना गिरवी रखा, पर्सनल लोन लेकर गुजारा बुरा वक्त… पढ़ें ये रिपोर्ट

प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने हर परिवार को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। राज्य में 57.60 लाख कर्मचारियों के पीएफ खाते हैं। इनमें से 12 लाख लोगों ने इस साल जून तक करीब 3500 करोड़ रु. की राशि पीएफ खातों से निकाली।

यानी हर 5वें खाताधारक ने जमा पूंजी निकाल ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़े बताते हैं कि भोपाल में 3.5 लाख कर्मचारियों के पीएफ खातों में से 76734 यानी 21.92% ने ही बीते चार महीने में 224.77 करोड़ रु. निकाल लिए। यानी हर खाते से 29292 रु. निकाले गए। जबकि पहली लहर में 60806 लोगों ने 183.43 करोड़ रु. ही निकाले थे। ईपीएफओ के प्रदेश में छह क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, भोपाल ओर जबलपुर में हैं। इनमें 37 हजार संस्थाएं रजिस्टर्ड हैं।

संक्रमण की दूसरी लहर में काम छूटने के बाद कई लोगों ने राशन तक लोन से खरीदा। इसके बाद इलाज के लिए भी लोन लिया।

संक्रमण की दूसरी लहर में काम छूटने के बाद कई लोगों ने राशन तक लोन से खरीदा। इसके बाद इलाज के लिए भी लोन लिया।

इलाज, स्कूल फीस भरने निकाले पैसे

ईपीएफओ क्षेत्रीय कमिश्नर भोपाल क्षेत्र एसके सुमन के मुताबिक लोगों को दूसरी लहर में इलाज के लिए पैसों की जरूरत पड़ी। नौकरियां गंवाने वालों को बच्चों की पढ़ाई और घर चलाना मुश्किल था। इसलिए लोगों ने इस लहर में ज्यादा पैसा निकाला।

अप्रैल-मई के दो महीने में मप्र में लोगों ने करीब 1.5 टन सोना गिरवी रखकर 700 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन लिया। संक्रमण की दूसरी लहर में काम छूटने के बाद कई लोगों ने राशन तक लोन से खरीदा। इसके बाद इलाज के लिए भी लोन लिया। प्रदेश में 5 गोल्ड लोन कंपनियों के साथ एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक जैसी सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक गोल्ड लोन के कारोबार में हैं। बाजार में 30% हिस्सेदारी के साथ मुत्थुट गोल्ड लोन कंपनी इस फील्ड में सबसे बड़ी है। 1 अप्रैल से लेकर 1 जून तक मुत्थुट ने सबसे अधिक 200 करोड़ रुपए तो मणप्पुरम ने 100 करोड़ रुपए से अधिक गोल्ड लोन दिया। पीएसयू और प्राइवेट बैंक ने 400 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन दिया।

ऐसे तय होता है गोल्ड लोन

अधिकतर गोल्ड लोन कंपनियां शुद्धता परखने के बाद उस दिन के प्रचलित भाव के आधार पर तय सोने की कीमत तय करती हैं। उस कीमत की 70%-75% राशि गोल्ड लोन के तौर पर दी जाती है। पिछले दो महीने के दौरान 22 कैरेट के सोने के दाम 44-46 हजार के बीच ही रहे। इस आधार पर जानकार मानते हैं कि कोरोना में कुल 1.5 टन सोना गिरवी रखा गया।

बैंक धनवान… बिजनेस नहीं चले, बाजार बंद रहे, इसलिए बैंकों में जमा रकम 15% बढ़ी

दूसरी लहर में मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों को भले ही गहने गिरवी रखकर पैसा लेना पड़ा हो, लेकिन बिजनेस गतिविधियों के थमने से बैंकों में जमा पैसा 15% तक बढ़ गया। बाजार खुला रहने पर यह पैसा व्यापारियों द्वारा सीसी लिमिट के रूप में एक जगह से दूसरी जगह जाता है। साथ ही बाजार में ग्राहकी होने पर नौकरीपेशा लोग वेतन का पैसा निकालकर बाजार में खरीदारी करते हैं, लेकिन लॉॅकडाउन में यह सारी गतिविधियां ठप रहीं। भोपाल शहर में कुल 4.5 लाख तो प्रदेश में 1.5 करोड़ से अधिक बैंक खाते हैं।

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