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नई दिल्ली10 घंटे पहले
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अंशुल को नेशनल डोपिंग एजेंसी की डिससिप्लिनरी पैनल ने एनाबॉलिक स्टेरॉयड ’19- नॉरएंड्रोस्टेरोन के सेवन का दोषी पाया।
मध्य प्रदेश की महिला क्रिकेटर अंशुला राव को डोप में पॉजिटिव पाए जाने की वजह से चार साल के लिए बैन कर दिया गया है। वह देश की पहली महिला क्रिकेटर हैं, जिन्हें डोप के लिए बैन लगाया गया है। सोमवार को नेशनल डोपिंग एजेंसी की डिससिप्लिनरी पैनल ने उन्हें एनाबॉलिक स्टेरॉयड ’19- नॉरएंड्रोस्टेरोन के सेवन का भी दोषी पाया। हालांकि पैनल के समक्ष अपने बचाव में कोई मजबूत तथ्य नहीं रख पाईं। हालांकि अंशुला राव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप और डोप परीक्षण में चार महीने का अंतर है।
अंशुला के दोनों सैंपल में प्रतिबंधित दवाई मिला है। ऐसे में अंशुला को बी सैंपल का खर्च 2 लाख रुपए भी उठाना होगा।
बेल्जियम के लैब में भेजे गए थे सैंपल
अंशुला राव का सैंपल पिछले साल बड़ौदा में 14 मार्च को लिया गया था। वह डोप टेस्ट में फेल हो गई थी। उनके दोनों सैंपल बेल्जियम की लेबोरेटरी में भेजा गया। जांच में प्रतिबंधित दवा के नमूने मिले।
अंडर-23 वर्ल्डकप में खेल चुकी हैं अंशुला राव
अंशुला राव अंडर -23 वर्ल्डकप में 2019-20 में आखिरी बार खेलने उतरी थीं। पिछले साल मार्च में प्रतिंबिधत पदार्थ के सेवन करने की वजह से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। अंशुला पैनल को नहीं बता पाई कि आखिरी प्रतिबंधित पदार्थ उनके शरीर में कैसे पहुंचा।
पृथ्वी शॉ को किया जा चुका है प्रतिबंधित
वहीं अगर भारतीय पुरुष क्रिकेटरों की बात की जाए तो इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर भी डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से प्रतिबंध लगाया जा चुका है। 2019 घरेलू सत्र के दौरान खांसी की दवा लेने की वजह से वह डोप टेस्ट में फंस गए थे। जिसके बाद बीसीसीआई ने उन पर आठ महीने का बैन लगाया गया था। बाद में शॉ ने कहा था कि वह खांसी से परेशान थे, इसलिए अपने पिता से पूछकर खांसी के लिए सीरप ली थी।