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Hindi NewsLocalUttar pradesh10 Thousand Students Studying In International University Upset. Medical And Engineering Students Run The Campaign; Said Without Going To University, Studies Will Not Happen, Demand For Intervention From Ministry Of External Affairs
लखनऊएक घंटा पहले
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अमेरिका में बाहर से आने वाले छात्रों के लिए WHO से अनुमोदित कोरोना वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। (फाइल फोटो)
इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने वाले इंडियन स्टूडेंट्स अपने कॅरियर को लेकर परेशान हैं। कोरोना के चलते उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में ऐसे करीब 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। ये सभी वापस अपने यूनिवर्सिटी जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं। खासतौर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स का कहना है कि अभी उनकी क्लासेज ऑनलाइन चल रही है, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं होगा। बगैर प्रैक्टिकल के वह कुछ नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें वापस यूनिवर्सिटी जॉइन करने की मंजूरी मिलनी चाहिए। स्टूडेंट्स ने विदेश मंत्रालय से भी मांग की है कि वह बाकी देशों से संपर्क करके जल्द से जल्द छात्रों को वापस उनके यूनिवर्सिटी भिजवानें की व्यवस्था करें।
मेडिकल की पढ़ाई ऑनलाइन नहीं हो सकती हैचीन से MBBS की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स बताते हैं कि पिछले साल से वह यहां भारत में फंसे हुए हैं। उनकी पढ़ाई रूकी हुई है। जिन स्टूडेंट्स ने 2020 में एडमिशन लिया था वो तो अब तक अपने यूनिवर्सिटी को भी नहीं देख पाए हैं। एकसाल से केवल ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। मेडिकल में ऑनलाइन पढ़ाई का कोई मतलब नहीं होता है। केंद्र सरकार को चीन सरकार से बातचीत करके स्टूडेंट्स के लिए कोई रास्ता निकालना चाहिए। चाइना इंटरनेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ने इस बारे में भारत और चीन के विदेश मंत्रालय को पत्र भी लिखा है। चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी से रिसर्च कर रहे बरेली के आदित्य बताते हैं कि वह एक साल से भारत में फंसे हुए हैं। उनकी पढ़ाई बर्बाद हो रही है। कई बार सरकार से मांग की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
स्टूडेंट्स की क्या है डिमांड ?
छात्रों को वापस उनके यूनिवर्सिटी जाने की अनुमति मिले। सरकार इसके लिए संबंधित देशों से बातचीत करे।छात्रों को वापस जाने के लिए जल्द से जल्द वीजा उपलब्ध कराया जाए।
विदेश मंत्रालय ने छात्रों से मांगी डिटेल्सभारत के विदेश मंत्रालय ने ऐसे छात्रों से डिटेल मांगी है जो विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और लंबे समय से यहां भारत में फंसे हुए हैं। मंत्रालय ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि ऐसे छात्र अपनी डिटेल्स, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी को us.oia2@mea.gov.in और so1oia2@mea.gov.in पर भेज सकते हैं। सरकार की तरफ से ऐसे छात्रों से संपर्क किया जाएगा।
अमेरिका में कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V की वैक्सीन मान्य नहींअमेरिकी सरकार ने कहा है कि विदेश से आने वाले उन्हीं छात्रों को अनुमति दी जाएगी जिन्होंने WHO से अनुमोदित वैक्सीन लगवाई है। अगर किसी ने कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V का डोज लिया है तो उन्हें दोबारा कोरोना वैक्सीन लेना होगा। अमेरिका में छात्रों से कह दिया गया है कि वे उन टीकों को मान्यता नहीं देंगे, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अनुमोदित नहीं किया है।
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