[ad_1]
Hindi NewsHappylifeNow, Even The ‘blind’ Will Be Able To See, Bionic Vision System With AI Technology Got The Most Innovative Search Award
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
5 घंटे पहले
कॉपी लिंकफ्रांस के वैज्ञानिकों ने विकसित की उन्नत तकनीक, बदल जाएगी दृष्टिहीनों की जिंदगीदुनिया में 4 करोड़ दृष्टिहीन और 28.5 करोड़ कमजोर निगाह वाले
महामारी के दाैर में सुखद खबर सामने आई है। वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से बायोनिक विजन सिस्टम तैयार कर लिया है। इसकी मदद से दृष्टिहीन लोगों को देखने में मदद मिलेगी। इस तकनीक को फ्रांस की बायोइलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ‘पिक्सियम विजन’ ने विकसित किया है और नाम रखा है- प्राइमा विजन। मेडटेक फोरम-2021 में इस टेक्नोलॉजी को चिकित्सा जगत के सर्वाधिक उन्नत और अगली पीढ़ी के लिए सबसे इनोवेटिक खोज के रूप में पुरस्कृत किया गया है। फ्रांस के दृष्टिबाधित 5 मरीजों के बीच तीन साल तक किए गए परीक्षण के सफल होने के बाद इसे जल्द बाजार में लाया जाएगा।
पिक्सियम विजन के सीईओ लॉयड डायमंड ने कहा कि यह परिवर्तनकारी तकनीक उन लोगों के लिए एक तरह का वरदान है, जिन्होंने अपनी दृष्टि खो दी। यानी इस सिस्टम की सहायता से दृष्टिहीन व्यक्ति भी अब पूरी तरह से देख सकेंगे। इसे बनाने में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम, विजुअल प्रोसेसिंग और न्यूरो बायोलॉजी के साथ एआई का भी इस्तेमाल किया गया है। हम पिछले 10 सालों से इस तकनीक पर काम कर रहे हैं। अब तक कई मरीजों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है।
2019 में अमेरिका के डेट्रायट और पेरिस में किए गए ह्यूमन ट्रायल में भी हमने सफलता पाई। ये हमारा अंतिम क्लीनिकल ट्रायल था और अब हम इस तकनीक के नए संस्करण के साथ जल्द बाजार में आने वाले हैं। अंतिम ट्रायल में हमें इस बात का भी पता चला कि दृष्टिबाधित मरीज एक ही समय में हमारी विकसित की गई बायोनिक तकनीक और सामान्य दृष्टि यानी दोनों ही तरह की क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान में दुनियाभर में 4 करोड़ दृष्टिहीन के अलावा 28.5 करोड़ लोग कमजोर निगाह की बीमारी से पीड़ित हैं। साथ ही 20 करोड़ लोग एज रिलेटेड मैक्यूलर डिजेनेरेशन (एएमडी) बीमारी से पीड़ित हैं, जो दृष्टिहीनता के लिए जिम्मेदार है।
रेटिना के पीछे गेटवे से तैयार होता है विजुअल पैटर्न, इससे दिखाई देता है
प्राइमा विजन एआई युक्त ऐसी तकनीक है, जो रेटिना के पीछे एक गेटवे तैयार करता है। यह सिग्नल को रेटिना से ब्रेन विजन सिस्टम में भेजने का काम करता है। रेटिना के पीछे लगी लाइट एक्टिवेटेड ब्रेनचिप से बनने वाले विजुअल पैटर्न की मदद से पीड़ित ऑब्जेक्ट को आंखों के सामने देख सकते हैं।
खबरें और भी हैं…
[ad_2]