May 2, 2024 : 1:54 PM
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म्यांमार में सेना की दमन नीति: सोशल मीडिया और इंटरनेट पर रोक, अबतक 48 पत्रकार गिरफ्तार; कुछ टीवी चैनल प्रदर्शनकारियों को बता रहे देश का दुश्मन

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Hindi NewsInternationalBan On Social Media Banned On Internet, 48 Journalists Arrested So Far; Enemy Of The Country Telling TV Media Protesters In Support Of Military Rule

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नेपीता2 घंटे पहले

कॉपी लिंकजुंटा ने फेसबुक, फेसबुक मैसेंजर और व्हाटसएप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम को भी सेना नियंत्रित कर रही है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

जुंटा ने फेसबुक, फेसबुक मैसेंजर और व्हाटसएप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम को भी सेना नियंत्रित कर रही है। (फाइल फोटो)

म्यांमार में सैन्य शासन और सड़कों पर जारी प्रदर्शन के बीच अब वहां की सेना ने दमन की नई नीति अपना ली है। यहां सेना ने अब सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही सूचनाओं पर नियंत्रण करना शुरु कर दिया है। सेना ने कई पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कई स्वतंत्र मीडिया पर भी बैन लगा दिया है। यहां चल रहे प्रदर्शनों को भी रोकने के लिए सेना दमन नीति अपनाई हुई है।

जुंटा ने फेसबुक और व्हाटसएप पर बैन लगा दिया है

DW न्यूज एजेंसी के मुताबिक, म्यांमार में मीडिया पर काफी दवाब है। उनके सोशल मीडिया और इंटरनेट चलाने पर सख्ती बरती जा रही है। 1 फरवरी के बाद से सोशल मीडिया पर सेना का नियंत्रण देखने में आया है। यहां के जुंटा ने फेसबुक, फेसबुक मैसेंजर और व्हाटसएप पर प्रतिबंध लगा दिया है। सेना फेसबुक और इंस्टाग्राम को भी नियंत्रित कर रही है।

इंटरनेट बैन आबादी के बड़े हिस्से पर असर, सेना के सोर्स से खबरें हो रही प्रसारित

फेसबुक ब्लॉक करने के बाद से यह बड़ा कदम बताया जा रहा है। आधे से ज्यादा आबादी इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए करते हैं। इसके अलावा आर्मी ने यहां 15 फरवरी से देशभर में इंटरनेट पर बैन लगा रखा है। इसमें रात एक बजे से सुबह 9 बजे जारी रहता है। इसके अलावा 15 मार्च से मोबाइल इंटरनेट बैन कर रखा है। सिर्फ ब्रॉडबैंड से नेट चलाने पर रोक नहीं है। इस कदम ने आबादी के बड़े हिस्से पर असर किया है। अब उन्हें सिर्फ सेना के सोर्स से ही खबर प्रसारित की जा रही है।

सैन्य शासन के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

सैन्य शासन के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार नियंत्रण में काम कर रहे कुछ टीवी चैनल साथ ही यहां कुछ टीवी चैनल सेना के नियंत्रण में काम कर रहे हैं।। स्टेट टेलीविजन स्टेशन MRTV प्रदर्शकारियों की तस्वीरें और नाम जारी कर रहा है। साथ ही उन्हें देश का दुश्मन बता रहा है। हाल ही में मिलिट्री ब्रॉडकास्टर Myawaddy टीवी ने कहा है कि पिछले 30 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सेना की हत्या के आरोप में 19 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

DW न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सरकारी स्वामित्व वाले अखबार द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार ने निर्वाचित सरकार, सैन्य कानून और नैतिक दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया है। मिजिमा, डेमोक्रेटिक वॉयस ऑफ बर्मा, थिट-थिट मीडिया, म्यांमार नाउ, 7 डी न्यूज और अन्य स्वतंत्र मीडिया आउटलेट पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, कुछ पत्रकार दूसरे देशों से लगातार सैन्य शासन के खिलाफ खबर प्रकाशित कर रहे हैं।

48 पत्रकारों की हो चुकी है गिरफ्तारी

ह्यूमन राईट के मुताबिक, अबतक 48 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा 23 पत्रकारों को गिरफ्तारी के बाद छोड़ दिया है। अधिकतर पर नए कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इनपर अफवाह, बयान या गलत रिपोर्ट प्रसारित करने और देश की आबादी में भय फैलाने के आरोप के तहत कार्रवाई की गई है। इससे पहले 1 मार्च को साउथ कोस्टल टाउन के रहने वाले पत्रकार पर पुलिस ने उसके घर के पास फायरिंग कर दी थी। फिलहाल वह अभी भी सेना की गिरफ्त में है।

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