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Hindi NewsHappylifeWorld Autism Awareness Day 2021 One In Every 58 Children In The World Is Struggling With Autism
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3 दिन पहले
कॉपी लिंकलड़कियों की तुलना में लड़के 4 गुना अधिक ऑटिज्म से प्रभावित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (एएसडी) बातचीत और सामाजिक बर्ताव से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो बचपन में शुरू होकर सारी जिंदगी रहती है। जन्म के 3 से 5 माह बाद बच्चे में इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कम्युनिकेशन न होने पर बच्चे खुद को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह मस्तिष्क से जुड़ी कई कमियों का एक समूह है, जिसमें मरीज को बोलचाल से लेकर सामाजिक व्यवहार तक में दिक्कत होती है।
आज वर्ल्ड ऑटिज्म-डे है। बोर्ड सर्टिफाइड बिहेवियर एनालिस्ट डॉ. प्रियांका बापना भाबू से जानिए, ऑटिज्म पीड़ित कैसे सामान्य जीवन जी सकते हैं…
40% तक बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैंइस बीमारी का न तो अभी तक कोई पुख्ता कारण पता चला है और न ही इलाज खोजा जा सका है। हालांकि, ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे में कई थेरेपी से सुधार हो सकता है। 20 से 40% पीड़ित बच्चे थेरेपी की मदद से सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी सकते हैं।
हर 58 में से एक बच्चा ऑटिज्म पीड़ितयह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लक्षणों की तीव्रता को देखकर ही उसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। 2018 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर 58 में से एक बच्चा इस बीमारी की चपेट में है। बच्चों में 18 माह की उम्र में इस बीमारी को डायग्नोज किया जा सकता है।
साइंटिफिक थेरेपी से सुधार संभवअमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और नेशनल रिसर्च काउंसिल के अनुसार बिहेवियर और कम्युनिकेशन थेरेपी से पीड़ितों में काफी हद तक सुधार लाया जा सकता है।
एप्लाइड बिहेवियर एनालिसिस (एबीए): इस थेरेपी में बच्चों को व्यवहार और प्रतिक्रिया से संबंधित प्रत्येक स्टेप के बारे में सिखाया जाता है।अर्ली इंटेंसिव बिहेवियरल इंटरवेंशन (ईआईबीआई): 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस थेरेपी का उपयोग किया जाता है। हाई टीचिंग एप्रोच से गुस्सा और खुद को चोटिल करने जैसे व्यवहार दूर किये जाते हैं।अर्ली स्टार्ट डेनवर मॉडल (ईएसडीएम): इस मॉडल की सहायता से 12 से 48 माह के बच्चों में सामाजिक, भाषा संबंधी एवं मस्तिष्क व शरीर के बीच सामंजस्य बैठाने वाली गतिविधियों को सिखाया जाता है।ऑक्युपेशनल थेरेपी: डेली लिविंग एक्टिविटी में उपयोगी।खबरें और भी हैं…
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