May 3, 2024 : 8:19 PM
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एयरफोर्स की ताकत में इजाफा: आज 3 और राफेल फाइटर जेट भारत आ रहे, UAE की मदद से एयर-टु-एयर री-फ्यूलिंग होगी

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Hindi NewsNationalToday 3 More Rafale Fighter Jets Coming To India, Will Be Air To Air Re fueling With The Help Of UAE

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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इंडियन एयरफोर्स (IAF) की ताकत में और इजाफा होने वाला है। आज शाम फ्रांस से तीन राफेल फाइटर जेट और भारत आ रहे हैं। ये गुजरात में लैंड होंगे। फ्रांस से निकलने के बाद UAE की मदद से इसमें एयर-टु-एयर री-फ्यूलिंग भी होगी।

भारत में राफेल की संख्या अब बढ़कर 14 हो जाएगी। अब तक 11 राफेल फ्रांस से आ चुके हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अप्रैल के दूसरे हफ्ते में 7 और राफेल आ सकते हैं। इसके अलावा राफेल का ट्रेनर वर्जन भी भारत आएगा।

तीनों राफेल की तैनाती अंबाला में होगीतीनों नए राफेल की तैनाती अंबाला में होगी। यहां पर तैनाती से पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से एक्शन लिया जा सकेगा। दिलचस्प बात ये भी है कि अंबाला एयरबेस चीन की सीमा से भी 200 किमी की दूरी पर है। अंबाला में 17वीं स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज राफेल की पहली स्क्वाड्रन होगी।

परमाणु हमला करने में सक्षम है राफेल

राफेल डीएच (टू-सीटर) और राफेल ईएच (सिंगल सीटर), दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जनरेशन का फाइटर है।ये न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है।इस फाइटर जेट को रडार क्रॉस-सेक्शन और इन्फ्रा-रेड सिग्नेचर के साथ डिजाइन किया गया है। इसमें ग्लास कॉकपिट है।इसमें एक कम्प्यूटर सिस्टम भी है, जो पायलट को कमांड और कंट्रोल करने में मदद करता है।इसमें ताकतवर एम 88 इंजन लगा हुआ है। राफेल में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट भी है।इसमें लगा रडार, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन सिस्टम और सेल्फ प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की लागत पूरे विमान की कुल कीमत का 30% है।इस जेट में आरबीई 2 एए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार लगा है, जो लो-ऑब्जर्वेशन टारगेट को पहचानने में मदद करता है।राफेल सिंथेटिक अपरचर रडार (SAR) भी है, जो आसानी से जाम नहीं हो सकता। जबकि, इसमें लगा स्पेक्ट्रा लंबी दूरी के टारगेट को भी पहचान सकता है।किसी भी खतरे की आशंका की स्थिति में इसमें लगा रडार वॉर्निंग रिसीवर, लेजर वॉर्निंग और मिसाइल एप्रोच वॉर्निंग अलर्ट हो जाता है और रडार को जाम करने से बचाता है।राफेल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में भी टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है।राफेल में आधुनिक हथियार भी हैं। जैसे- इसमें 125 राउंड के साथ 30 एमएम की कैनन है। ये एक बार में साढ़े 9 हजार किलो का सामान ले जा सकता है।

मीटियर और स्काल्प जैसी मिसाइलों से लैस हैराफेल फाइटर जेट्स मीटियर और स्काल्प जैसी मिसाइलों से भी लैस है। मीटियर विजुअल रेंज के पार भी अपना टारगेट हिट करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल है। उसे अपनी इसी खासियत के लिए दुनिया में जाना जाता है। मीटियर की रेंज 150 किमी है। स्काल्प डीप रेंज में टारगेट हिट कर सकती है। स्काल्प करीब 300 किलोमीटर तक अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगाकर उसे तबाह कर सकती है।

जनवरी में आया था तीसरा बैच29 जुलाई को भारत को 5 राफेल फाइटर जेट्स का पहला बैच मिला था। इसके बाद 3 राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बैच 4 नवंबर 2020 को आया था। तीसरे बैच के तहत 27 जनवरी को 3 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे थे। इन जेट विमानों के साथ अब तक 11 राफेल विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट की डील की थी। इनमें 30 फाइटर जेट और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट होंगे। ट्रेनर जेट्स टू सीटर होंगे और इनमें भी फाइटर जेट जैसे सभी फीचर होंगे।

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