April 29, 2024 : 10:06 AM
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जर्मनी के वैज्ञानिक दंपति को मिली सफलता: काेराेना का इलाज ढूंढ़ते-ढूंढ़ते खोजा कैंसर का ताेड़, वैज्ञानिक बोले- दो साल में कैंसर का टीका देंगे, कीमो से मिलेगी मुक्ति

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Hindi NewsInternationalIn Search Of Cure For Kerena, Searching For Cancer Cancer, Scientists Said Will Give Cancer Vaccine In Two Years, Will Get Rid Of Chemo

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लंदन3 घंटे पहले

कॉपी लिंकबायोएनटेक के सीईओ डॉ. उगर साहिन और उनकी पत्नी डॉ. ओजलेम तुरेसी ने शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को ट्यूमर से मुकाबला करने में सक्षम बनाने का तरीका खोज लिया है। - Dainik Bhaskar

बायोएनटेक के सीईओ डॉ. उगर साहिन और उनकी पत्नी डॉ. ओजलेम तुरेसी ने शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को ट्यूमर से मुकाबला करने में सक्षम बनाने का तरीका खोज लिया है।

बायोएनटेक के संस्थापक-सीईओ डॉ. उगर साहिन दंपती 20 साल से कैंसर के रिसर्च में जुटे हैं

काेराेनावायरस का इलाज ढूंढ़ते-ढूंढ़ते जर्मनी के वैज्ञानिक दंपति काे कैंसर का ताेड़ मिल गया है।बायोएनटेक के सीईओ डॉ. उगर साहिन और उनकी पत्नी डॉ. ओजलेम तुरेसी ने शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को ट्यूमर से मुकाबला करने में सक्षम बनाने का तरीका खोज लिया है। अब वे इसकी वैक्सीन बनाने में जुट गए हैं। दंपती का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा ताे आने वाले दाे सालाें में वे कैंसर का टीका भी उपलब्ध करवा देंगे। दंपती पिछले 20 साल से कैंसर के इलाज के लिए रिसर्च कर रहे हैं।

डाॅ. तुरेसी ने बताया कि बायोएनटेक का कोविड-19 टीका मैसेंजर-आरएनए (एम-आरएनए) की मदद से मानव शरीर को उस प्रोटीन के उत्पादन का संदेश देता है, जो प्रतिरोधक तंत्र को वायरस पर वार करने में सक्षम बनाता है। इसे यूं समझें कि एम-आरएनए जेनेटिक कोड का छोटा हिस्सा होता है, जो कोशिका में प्रोटीन का निर्माण करता है। इसका उपयोग प्रतिरोधी क्षमता को सुरक्षित एंटीबॉडी पैदा करने के लिए प्रेरित करता है और इसके लिए उन्हें वास्तविक वायरस की भी जरूरत नहीं होती है।

हमने कोरोना वैक्सीन बनाने के दौरान इसी आधार पर कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कुछ टीके तैयार कर लिए हैं। अब हम जल्द इसका क्लीनिकल ट्रायल करने वाले हैं। अब तक की रिसर्च साबित करती है कि एम-आरएनए आधारित टीके कैंसर की दस्तक से पहले ही शरीर को उससे लड़ने की ताकत दे देंगे। यानी अब कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से होने वाले असहनीय दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही बाल झड़ने, भूख मिटने, वजन घटने जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाएगी।

अब ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक भी एम-आरएनए के प्रयोग में जुटेइधर, कोरोना वैक्सीन बनाने में शामिल ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक प्रोफेसर सारा गिलबर्ट और प्रोफेसर एड्रियान हिल भी कैंसर के इलाज में एम-आरएनए तकनीक के इस्तेमाल में जुट गए हैं। उन्होंने गर्मियों में फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित मरीजों पर एम-आरएनए आधारित टीके के परीक्षण की तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। इन्होंने ‘वैक्सीटेक’ नामक कंपनी स्थापित की है, जो प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में कारगर वैक्सीन पर पहले से ही काम कर रही है। शुरुआती आजमाइश में इस वैक्सीन के बेहद सकारात्मक नतीजे मिले हैं।

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