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ट्रम्प दूसरी बार महाभियोग से बरी: सीनेट में प्रस्ताव गिरा, पूर्व राष्ट्रपति बोले- एक पार्टी न्याय तंत्र को राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल कर रही

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वॉशिंगटन35 मिनट पहले

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शनिवार को उनके दूसरे महाभियोग के मुकदमे में बरी कर दिया गया है। 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया में 4 दिन की बहस के बाद सीनेट में वोटिंग हुई, जिसमें 57 सीनेटरों ने उन्हें हिंसा भड़काने का दोषी करार दिया, जबकि 43 सीनेटर इसके पक्ष में नहीं थे। ऐसे में ट्रम्प को दोषी करार देने के लिए सीनेट को दो तिहाई बहुमत नहीं मिल सका।

ट्रम्प ने डेमोक्रेट पार्टी पर निशाना साधामहाभियोग से बरी होने के बाद ट्रम्प ने डेमोक्रेट पार्टी का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस समय यह कहना काफी दुखद है कि अमेरिका की एक पार्टी कानून के शासन को कलंकित करने के लिए फ्री पास बांट रही है। कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों (लॉ एन्फोर्समेंट) का अपमान किया जा रहा है। भीड़ को भड़काया और दंगाइयों को माफ किया जा रहा है। न्याय तंत्र को राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जो भी लोग उनसे अहसमत हैं, उन्हें या तो दबाया जा रहा है या ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा कानून के शासन का चैम्पियन था और रहूंगा। अमेरिकियों के हक की बात शांति और सम्मान के साथ बिना किसी नफरत के उठाई जाती रहेगी।’

महाभियोग के लिए 67 वोट की थी जरूरत100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेट सांसदों की संख्या 50 है और ट्रम्प को दोषी करार देने के लिए दो तिहाई बहुमत (67) की जरूरत थी। ट्रम्प के खिलाफ इससे 10 कम यानी 57 वोट पड़े। 6 रिपब्लिकन सांसदों ने भी ट्रम्प के खिलाफ वोटिंग की। इसके बावजूद ट्रम्प महाभियोग से बचने में सफल हुए। जिन 7 रिपब्लिकन सांसदों (ट्रम्प की पार्टी) ने महाभियोग के पक्ष में वोटिंग की, उनमें बिल कैसिडी, रिचर्ड बर्र, मिट रोमनी, सुजैन कॉलिंस, लीजा मरकॉस्की, बेन सैसे और पैट टूमी शामिल हैं।

पिछले साल भी लाया गया था महाभियोग प्रस्तावट्रम्प के खिलाफ पिछले साल भी महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। संसद का निचला सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) में डेमोक्रेट्स के बहुमत के चलते यह पास हो गया था, लेकिन सीनेट में रिपब्लिकंस की मेजॉरिटी के चलते प्रस्ताव गिर गया। ट्रम्प पर आरोप था कि उन्होंने बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 के राष्‍ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में यूक्रेन से मदद मांगी थी।

अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के मामले

1868 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ अपराध और दुराचार के आरोपों पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ। उनके खिलाफ संसद में आरोपों के 11 आर्टिकल्स पेश किए गए। हालांकि, सीनेट में वोटिंग के दौरान जॉनसन के पक्ष में वोटिंग हुई और वे राष्ट्रपति पद से हटने से बच गए।1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस में इंटर्न रही मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्हें पद से हटाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सीनेट में बहुमत नहीं मिल पाया।वॉटरगेट स्कैंडल में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही होने वाली थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने एक विरोधी की जासूसी कराने का आरोप लगा था।

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