May 1, 2024 : 11:59 AM
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बिहार में नहीं हुआ चक्का जाम: किसान संगठन के भारत बंद का राज्य में नहीं दिखा असर, विपक्षी पार्टियों का रहा सिर्फ नैतिक समर्थन

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पटना5 मिनट पहले

कॉपी लिंकपटना सिटी के टोल प्लाजा के पास NH को प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए जाम कर दिया। - Dainik Bhaskar

पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास NH को प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए जाम कर दिया।

इंटरमीडिएट परीक्षा के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों ने बंद का नहीं किया पूरी तरह से समर्थनविपक्ष नहीं चाहता कि उनका कोई कदम छात्रों के खिलाफ उठे और सत्ता पक्ष को हमला करने का मौका मिले

किसान आंदोलन के समर्थन में अखिल भारतीय किसान संगठन की ओर से देशभर में तीन घंटे के चक्का जाम का असर बिहार में नहीं दिखा। पहले राजद और भाकपा माले जैसी पार्टियों ने आधा-एक घंटे चक्का जाम की बात कही थी लेकिन बाद में इन पार्टियों ने तय किया कि वह बंद को सिर्फ नैतिक समर्थन देंगी। विपक्षी पार्टियों ने इसकी वजह बताई कि बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा चल रही है और वे नहीं चाहते कि चक्का जाम का असर परीक्षार्थियों पर किसी भी तरह से पड़े। हालांकि राज्य में कई जगहों पर कुछ देर के लिए NH, SH और कुछ प्रमुख सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान जाम किया गया। पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास NH को प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए जाम कर दिया, हालांकि इससे इंटर परीक्षार्थियों को कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उससे 5 घंटे पहले परीक्षा शुरू हो चुकी थी।

पटना शहर में किसी तरह का चक्का जाम नहीं किया गया। यहां भारत बंद या बिहार बंद के दौरान हो-हंगामे वाली जगह डाकबंगला चौराहा भी शांत रहा। पटना के ​​​​​​ग्रामीण इलाके ​नौबतपुर में NH 139 पर राजद, CPI और CPI ML के कार्यकर्ताओं ने लगभग एक घंटे तक सड़क जाम रखा। उधर, आरा में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरा-बक्सर मुख्य मार्ग को चंदवा मोड़ के पास जाम कर दिया।

पूरे बिहार में लगभग 14 लाख स्टूडेंट इंटर की परीक्षा दे रहे हैं। चक्का जाम प्रभावशाली तरीके से किया जाता तो परीक्षार्थियों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता। विपक्ष लगातार युवाओं की समस्याओं से जुड़े सवाल उठा रहा है और उन सवालों पर सरकार को घेरता रहा है। युवाओं को रोजगार देने के साथ समय से परीक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सवाल इसमें अहम है। विपक्ष नहीं चाहता था कि चक्का जाम की वजह से सत्ता पक्ष को सवाल उठाने का कोई मौका मिल पाए। इसलिए विपक्षी पार्टियां रणनीति में बदलाव करते हुए चक्का जाम के समर्थन से नैतिक समर्थन पर आ गईं।

इससे पहले किसान संगठनों के आह्वान पर कई आयोजनों को बिहार में विपक्षी पार्टियों द्वारा भरपूर समर्थन दिया गया है। 29 दिसंबर को राजभवन मार्च के समय तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। उसके बाद धरना, प्रदर्शन, मानव श्रृंखला का आयोजन भी हुआ। आंदोलन को समर्थन और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत ही शनिवार को देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया गया लेकिन विपक्षी पार्टियों ने स्वविवेक से छात्र-नौजवानों की इंटर की परीक्षा को पूर्ण समर्थन दिया और चक्का जाम को नैतिक समर्थन।

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