[ad_1]
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Mon, 18 Jan 2021 08:25 PM IST
Baby Born. New Born baby
– फोटो : Pixabay
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नवजात बच्चों के खरीद-फरोख्त गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह बीते छह साल से सक्रिय था। इसने अब तक छह बच्चों को बेचा है। मुंबई पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करने के साथ एक डॉक्टर व नर्स समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। गिरफ्तार आरोपियों में सात महिलाएं और दो पुरुष हैं। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। उनके कॉल डिटेल निकालने के बाद उनसे जुड़े अन्य लोगों को दबोचा जाएगा। आरोपियों में दो महिलाएं वे हैं, जिन्होंने बच्चों को जन्म दिया था।
इस तरह हुआ गिरोह का पर्दाफाशमुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी कि बांद्रा के खेरवाड़ी इलाके में कुछ लोग बच्चों की खरीदी-बिक्री का धंधा कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने अपने घेराबंदी शुरू की। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो गिरोह के बारे में जानकारी मिल गई।
ऐसे करते थे खरीद-फरोख्तक्राइम ब्रांच पुलिस का कहना है कि गिरोह उन लोगों से संपर्क करता था, जिन्हें विवाद के सालों बाद बच्चे नहीं हुए हैं और उन पर नजर रखता था, जिन्हें बच्चे हुए हैं, लेकिन गरीबी के कारण वे उन्हें पाल नहीं सकते। इसके बाद दोनों तरह के लोगों के पास दलाल भेजे जाते थे। ये दलाल बच्चे की खरीदी की कीमत व बिक्री की कीमत तय करते थे।
गोद लेने की प्रक्रिया जटिलदरअसल, देश में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया कापफी जटिल है, इस कारण बच्चों की चाहत रखने वाले लोग, या लड़के की चाहत वाले युगल बच्चा खरीदी-बिक्री करने वालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। केंद्र सरकार ने सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी यानी कारा-सीएआरए का गठन किया है। इसके जरिए अनाथ बच्चों को गोद लिया जा सकता है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नवजात बच्चों के खरीद-फरोख्त गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह बीते छह साल से सक्रिय था। इसने अब तक छह बच्चों को बेचा है। मुंबई पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करने के साथ एक डॉक्टर व नर्स समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। गिरफ्तार आरोपियों में सात महिलाएं और दो पुरुष हैं। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। उनके कॉल डिटेल निकालने के बाद उनसे जुड़े अन्य लोगों को दबोचा जाएगा। आरोपियों में दो महिलाएं वे हैं, जिन्होंने बच्चों को जन्म दिया था।
इस तरह हुआ गिरोह का पर्दाफाश
मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी कि बांद्रा के खेरवाड़ी इलाके में कुछ लोग बच्चों की खरीदी-बिक्री का धंधा कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने अपने घेराबंदी शुरू की। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो गिरोह के बारे में जानकारी मिल गई।
ऐसे करते थे खरीद-फरोख्त
क्राइम ब्रांच पुलिस का कहना है कि गिरोह उन लोगों से संपर्क करता था, जिन्हें विवाद के सालों बाद बच्चे नहीं हुए हैं और उन पर नजर रखता था, जिन्हें बच्चे हुए हैं, लेकिन गरीबी के कारण वे उन्हें पाल नहीं सकते। इसके बाद दोनों तरह के लोगों के पास दलाल भेजे जाते थे। ये दलाल बच्चे की खरीदी की कीमत व बिक्री की कीमत तय करते थे।
गोद लेने की प्रक्रिया जटिल
दरअसल, देश में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया कापफी जटिल है, इस कारण बच्चों की चाहत रखने वाले लोग, या लड़के की चाहत वाले युगल बच्चा खरीदी-बिक्री करने वालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। केंद्र सरकार ने सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी यानी कारा-सीएआरए का गठन किया है। इसके जरिए अनाथ बच्चों को गोद लिया जा सकता है।
[ad_2]