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gwalior19 मिनट पहले
कॉपी लिंकपांच दिवसीय दीपोत्सव के आखिरी दन मनाया जाता है भाई दूज
ग्वालियर। सोमवार को घर-घर में भाई दूज का पर्व मनाया गया। बहनों ने तिलक कर भाइयों के लिए लंबी उम्र कामना की। वहीं भाइयों ने भी जीवन भर साथ देने और रक्षा करने का वादा किया। भाईदूज का पर्व भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन भाई-बहन अपने प्यार भरे रिश्ते को और प्रगाढ़ करते हैं। हैं।
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्धितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है। इस दिन बहने भाई को तिलक कर लंबी उम्र की कामना करती ही हैं। साथ ही यह दिन यम देव की पूजा अर्चना का भी दिन होता है। ऐसी कहावत है कि इसी दिन यमुना को उसके भाई यम देव मिले थे। तभी से यह त्योहार दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। पांच दिन के दीपोत्सव का यह आखिरी दिन होता है। सोमवार को सुबह से ही भाईदूज की पूजा का शुभ मुहुर्त था। जिस पर सुबह से ही घर-घर में पूजन किया गया। इसके बाद सुबह 11 बजे से भाइयों केा तिलक करने की शुभ मुहुर्त था जिसमें बहनों ने भाई को तिलक किया है।
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