April 29, 2024 : 5:32 PM
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सरकार 24 घंटे बिजली देती नहीं, जनरेटर चलाने नहीं देगी तो त्यौहारी सीजन में उद्योगों के उत्पादन पर पड़ेगा असर

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  • If The Government Does Not Provide 24 Hours Electricity, Will Not Allow Generators To Run, Then The Production Of Industries Will Be Affected In The Festive Season.

फरीदाबाद4 घंटे पहले

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फरीदाबाद. 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू होने के बाद जनरेटर नहीं चलेंगे।

  • शहर में आज से ग्रेप लागू, नहीं चलेंगे जरनेटर सेट, विरोध में उद्यमी, बोले

तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण(ईपीसीए) के आदेश पर आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्सन प्लान(ग्रेप) लागू किया जा रहा है। ऐसे में 15 अक्टूबर से कहीं भी जनरेटर सेट नहीं चलेंगे। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही जनरेटर चलाए जा सकेंगे। इसकाें लेकर हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी सोसाइटियों, औद्योगिक एवं व्यावसायिक संस्थानों को निर्देश जारी कर किसी भी कीमत पर जरनेटर न चलाने का आदेश दिया गया है।

इसकी रोकथाम के लिए बोर्ड की टीमें अपने-अपने इलाकों में इस पर नजर रखेंगी। यदि कहीं जनरेटर सेट चलते हुए मिला तो उसे तत्काल बंद कराया जाएगा। वहीं दूसरी ओर बोर्ड के इस फैसले का इंडस्ट्री एसोसिएशन ने विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार पर्याप्त बिजली देती नहीं। मजबूरी में जनरेटर चलाना पड़ता है। यदि सरकार ने जनरेटर बंद करा दिया तो उद्योगों पर बुरा असर पड़ेगा। उत्पादन कम हो जाएगा और बेरोजगारी बढ़ेगी। राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस बारे में विचार करना चाहिए।

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी स्मिता कनोडिया ने बताया कि ईपीसीए की गाइडलाइन के अनुसार 15 अक्टूबर से डीजल आधारित कोई भी जनरेटर सेट शहर में नहीं चलेंगे। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही जनरेटर चलाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि किसी भी सोसाइटी, सेक्टर, उद्योग और व्यावसायिक संस्थानों में जनरेटर चलाने में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं होगी। इसकी निगरानी के लिए विभाग की टीमें अपने-अपने क्षेत्र में मॉनिटरिंग करेंगी। वहीं दूसरी ओर नगर निगम की ओर से प्रदूषण को रोकने के लिए 40 टीमें गठित की गई है। ये टीमें पूरे शहर में प्रदूषण को लेकर निगरानी रखेंगी। फरीदाबाद छोटे एवं मध्यम उद्योगों का गढ़ माना जाता है। यहां करीब 25000 से अधिक छोटी और बड़ी औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं। ऐसे में जरनेटर चलाने पर रोक लगने से इन उद्योगों पर बुरा असर पड़ेगा। उत्पादन में कमी आएगी और रोजगार भी प्रभावित होगा।

एचएसपीवी के इस आदेश से इंडस्ट्रीज एसोसिएशन में नाराजगी है। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया एवं फरीदाबाद आईएमटी इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान वीरभान शर्मा ने कहा कि जब इंडस्ट्री को पॉवर नहीं मिलता तभी जनरेटर चलाना पड़ता है। यदि सरकार 24 घंटे बिजली दे तो जनरेटर चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

फरीदाबाद मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के महासचिव रमणीक प्रभाकर एवं कृष्णा कॉलोनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र गोयल का कहना है कि जनरेटर चलाने से उद्योगों पर तीन गुना लागत आती है। सरकार एक तरफ ईज ऑफ डूइंग की बात करती है तो दूसरी ओर उद्योगों को पनपने नहीं देती। ऐसे में इंडस्ट्री बढ़ेगी कैसे। उन्होंने कहा आज हरियाणा में जो हालात हैं उसे देखते हुए नई इंडस्ट्री कैसे आएगी। यह सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा जब इंडस्ट्री नहीं चलेगी तो उत्पादन पर असर पड़ेगा। उत्पादन नहीं होगा तो कर्मचारी हटाए जाएंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है।

कोरोना से उबर नहीं पाई है इंडस्ट्री| लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष रविभूषण खत्री ने कहा कि कोरोना काल में इंडस्ट्री तबाह हो चुकी है। अब धीरे-धीरे काम पटरी पर लौट रहा है तो ग्रेप का डंडा चल पड़ा है। आखिर इंडस्ट्री सर्वाइव कैसे कर पाएगी। उद्यमियों ने कहा कि सरकार मूल समस्या पर कभी ध्यान नहीं देती। हमेशा उद्योगों का गला घोटने का प्रयास किया जाता है। जनरेटर सेट बंद कराने के बजाय प्रदूषण रोकने के लिए सरकार को स्थायी समाधान तलाशना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार 7 रुपए यूनिट की दर से बिजली देती है जबकि जनरेटर से 15 रुपए प्रति यूनिट पड़ती है। इंडस्ट्री अपनी लागत क्यों बढ़ाएगी। यदि उसे 24 घंटे बिजली मिले।

बिजली अधिकारी बोले, फाल्ट तुरंत ठीक करें| बिजली निगम के एसई नरेश कक्कड़ ने कहा कि सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें सभी अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे औद्योगिक क्षेत्रों में आने वाले फाल्ट को सूचना मिलने पर कम से कम समय में ठीक कराएं ताकि इंडस्ट्री को चलने में परेशानी न हो। कम से कम समय तक बिजली कटौती की जाए।

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