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- We Should Remember The Truth About Death, We Should Do Good Works, Motivational Story, Inspirational Story In Hindi
3 घंटे पहले
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- एक संत से यात्री पूछते थे बस्ती का पता, संत यात्रियों को बता देते थे गलत रास्ता, यात्री पहुंच जाते थे श्मशान, एक व्यक्ति को संत ने बताया इसका रहस्य
जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है। ये बात जो लोग समझ लेते हैं, वे गलत कामों से दूर रहते हैं। मृत्यु के बाद कोई भी व्यक्ति अपने साथ कुछ चीज नहीं ले जा सकता है। इसीलिए हमें धर्म के अनुसार ही कर्म करना चाहिए। एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक संत सभी यात्रियों को श्मशान की ओर भेज देते थे। ताकि लोग समझ सके कि मृत्यु अटल सत्य है। पढ़िए पूरी कथा…
पुराने समय में एक संत गांव से बाहर अपनी छोटी सी कुटिया में रहते थे। उनकी कुटिया गांव से बाहर थी, इस कारण कई बार अनजान लोग भी उनके पास रुकते थे। राहगीर उनसे पूछते थे कि गांव की बस्ती तक कैसे पहुंच सकते हैं? संत उन्हें सामने की ओर इशारा करके रास्ता बता देते थे।
राहगीर जब संत के बताए हुए रास्ते से श्मशान पहुंच जाते थे। वहां पहुंचकर यात्रियों को बहुत गुस्सा आता था। कुछ लोग संत को बुरा-भला कहते और कुछ लोग चुपचाप दूसरा रास्ता खोजने लगते थे। एक दिन एक यात्री के साथ भी ऐसा ही हुआ, वह क्रोधी स्वभाव का था। श्मशान पहुंचकर उसे संत पर बहुत गुस्सा आया।
क्रोधित यात्री संत को बुरा-भला कहने के लिए उनकी कुटिया में पहुंच गया। उसने संत से कहा कि तुमने गलत रास्ता क्यों बताया? राहगीर ने संत को खूब गालियां सुनाई, जब यात्री चिल्लाते-चिल्लाते थक गया तो वह शांत हो गया। तब संत बोले कि भाई श्मशान भी बस्ती ही है? तुम लोग जिसे बस्ती कहते हो, वहां रोज किसी न किसी की मृत्यु होती है, रोज किसी न किसी का घर उजड़ जाता है, लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन श्मशान ही एक ऐसी बस्ती है, जहां कोई एक बार आता है तो वह फिर कहीं और नहीं जाता।
श्मशान भी एक बस्ती है, यहां जो एक बार बस गया, वो हमेशा के लिए यहीं रहता है। मेरी नजर में तो यही बस्ती है। हर इंसान के लिए यही अंतिम पड़ाव है, सभी को मृत्यु के बाद यहीं आना है। इसीलिए हमें गलत कामों से बचना चाहिए।
ये बातें सोचकर मैं बस्ती का यही रास्ता बताता हूं। ताकि लोग समझ सके कि मृत्यु अंतिम सत्य है। संत की ये बात सुनकर यात्री को अहसास हो गया कि उसने संत पर चिल्लाकर गलती की है। उसने संत से क्षमा याचना की और गांव की ओर चल दिया।