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श्रीमद्भागवत के अनुसार भक्त प्रह्लाद ने शुरू की थी ताली बजाने की प्रथा, एक्युप्रेशर चिकित्सा में सेहत के लिए अच्छी है क्लेपिंग थैरेपी

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  • Hindu Tradition And Science: Science Behind Clap, Clapping Therapy Is Good For Health According To Acupressure

2 घंटे पहले

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  • संगीत रत्नाकर ग्रंथ के अनुसार त शब्द शिव के तांडव नृत्य और ल शब्द पार्वती का लास्य स्वरूप है, इसलिए ताली को सृजन और सकारात्मक ऊर्जा

हिंदू धर्म की परंपराओं के पीछे धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी छुपा हुआ है। काशी के धर्म शास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्रा का कहना है कि श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भक्ता प्रह्लाद जब भगवान का भजन करते थे तो जोर-जोर से ताली भी बजाते थे। माना जाता है तब से भगवान की पूजा, आरती और भजन में ताली बजाने की परंपरा शुरू हो गई। पं मिश्रा बताते हैं कि ताली बजाने का महत्व संगीत रत्नाकर ग्रंथ में भी बताया गया है। इस ग्रंथ में ताली को भगवान शिव और पार्वती के मिलन का रूप बताया गया है। वहीं एक्युप्रेशर चिकित्सा में क्लेपिंग थैरेपी को सेहत के लिए अच्छा बताया गया है। जिससे कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों से बचा जा सकता है।

ताली बजाने का धार्मिक महत्व
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार कीर्तन में ताली की प्रथा भक्त प्रह्लाद ने शुरू की थी क्योंकि, जब वे भगवान का भजन करते थे तो जोर-जोर से नाम संकीर्तन भी करते थे तथा साथ-साथ ताली भी बजाते थे। इसके बाद अन्य लोग भी उनकी तरह करने लगे। सामान्यतः: हम किसी भी मंदिर में आरती के समय सभी को ताली बजाते देखते हैं और हम भी ताली बजाना शुरू कर देते हैं। ऐसा करने से हमारे शरीर को कई लाभ प्राप्त होते हैं।

  • काशी के पं. गणेश मिश्रा ने बताया कि संगीत रत्नाकर ग्रंथ के अनुसार त शब्द शिव के तांडव नृत्य और ल शब्द पार्वती का लास्य स्वरूप है। इनसे मिलकर ही ताली बनी है। शिव और शक्ति के मिलाप पर सृजन और सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इसलिए ताली से सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह पैदा होता है।

एक्यूप्रेशर चिकित्सा: सेहत के लिए अच्छी है क्लेपिंग थैरेपी
एक्युप्रेशर विज्ञान के मुताबिक ताली बजाना हथेली के सभी प्रेशर पॉइंट्स को दबाने का सबसे आसान तरीका है। क्लेपिंग थैरेपी के लिए रोजाना हथेलियों और अंगुलियों को एक-दूसरे से हल्का सा दबाव देकर कुछ देर तक ताली बजाएं। ताली बजाने से सेहत अच्छी रहेगी।

  1. एक्यूप्रेशर विज्ञान के जानकारों का कहना है कि ताली बजाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। ब्लड प्रेशर में भी सुधार होता है। नसों और धमनियों में से भी रुकावटें दूर होती है। जिसमें बैड कोलेस्ट्रॉल भी शामिल हैं।
  2. ताली बजाने से हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा और गठिया जैसी बीमारियों में राहत मिलती है। आंखों की रोशनी अच्छी होती है और बाल झड़ने की समस्या से भी राहत मिल सकती है। ताली बजाने से तनाव और चिंता दूर करने में मदद मिलती है।
  3. ताली बजाने से उत्साह बढ़ता है। क्लेपिंग थेरेपी निराशा की स्थिति से उबरने के लिए असरदार थेरेपी है। कोई व्यक्ति पाचन की समस्या से गुजर रहा हो तो उसे भी क्लेपिंग थेरेपी अपनानी चाहिए।
  4. हृदय और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं, अस्थमा के इलाज में यह थेरेपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह गर्दन के दर्द से लेकर पीठ और जोड़ों के दर्द में भी आराम पहुंचाती है।
  5. इससे उनका दिमाग तेज होता है। बच्चे अगर इस थेरेपी को अपनाएं तो इससे उनकी काम करने की क्षमता बढ़ती है और बौद्धिक विकास भी होता है।

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