- केंद्र सरकार ने BSNL और MTNL की लैंडहोल्डिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है
- दोनों कंपनियां पिछले कई सालों से लगातार घाटे में चल रही हैं
दैनिक भास्कर
Jul 08, 2020, 11:29 AM IST
नई दिल्ली. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की संपत्ति को बेचने यानी एसेट मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया काफी तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने BSNL और MTNL की लैंडहोल्डिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पहले चरण में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कोरोना काम में प्रॉपर्टी बेचने की संभावनाओं को तलाशने की जिम्मेदारी कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई ग्रुप, जोन्स लैंग लासेल (JLL) और नाइट फ्रैंक को सौंपी है। ये इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
37500 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति बेची जाएगी
MTNL और BSNL की कुल 37500 करोड़ रुपए की संपत्ति बेची जानी है। इस संपत्ति में कंपनी की खाली जमीन और बिल्डिंग शामिल होंगी। इस बिक्री से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी की माली हालत सुधारने में होगा।
अक्टूबर 2019 में घोषित किया गया था रिवाइवल प्लान
घाटे में चल रहीं सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के रिवाइवल के लिए केंद्र सरकार ने इसी साल अक्टूबर में 70,000 करोड़ के रिवाइवल प्लान को मंजूरी दी थी। इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने की घोषणा थी। केंद्र सरकार का लक्ष्य दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले ईकाई बनाना है।
घाटे में चल रहीं दोनों कंपनियां
BSNL को 2018-19 में करीब 14,202 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2016-17 में 4,793 करोड़ और 2015-16 में 4,859 रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी 2010 से ही नुकसान में चल रही है। वहीं पिछले 10 सालों में से 9 साल में MTNL ने घाटा दर्ज किया है।