May 27, 2024 : 4:12 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

कोविड कवच एलाइजा कैसे काम करता है? एक्सपर्ट- यह रैंडम टेस्ट है जो सर्विलांस की तरह काम करता है और बड़े शहरों के लिए कारगर है

  • लॉकडाउन में लोग मास्क लगा रहे हैं इस कारण मौसमी बीमारियां नहीं हो रहीं और टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आई
  • किसी जरूरी आयोजन में जा रहे हैं तो उस जोन की गाइडलाइन का जरूर पालन करें, लोगों से दूरी बनाकर रखें और हाथों को सैनेटाइज करते रहें

दैनिक भास्कर

May 15, 2020, 04:20 PM IST

नई दिल्ली. शादी में जाना है तो अकेले जाएं या परिवार के साथ, सांस से जुड़ी दिक्कत है तो क्या सावधानी बरतें और हल्के लक्षण वालों को जांच कराने की कितनी जरूरत है…ऐसे कई सवालों के जवाब सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. नितेश गुप्ता ने आकाशवाणी को दिए। जानिए कोरोना से जुड़े सवाल और उनके जवाब…

#1) कोविड कवच एलाइजा कैसे काम करता है?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी, पुणे के वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी टेस्टिंग किट को तैयार किया है। इसकी मदद से वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। यह एक सर्विलांस की तरह है, जैसे कहीं एक साथ एक हजार से ज्यादा लोग हैं और वहां करीब 500 लोगों को रैंडम टेस्ट करना है तो उसके लिए है। इसमें करीब दो से तीन घंटे का वक्त लगता है और परिणाम आ जाता है। यह बड़े शहरों के लिए कारगर साबित हो सकता है। 

#2) कोबास 6800 मशीन क्या है?
कोबास 6800 एक टेस्टिंग मशीन है जिससे एक साथ कई मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है और रिपोर्ट भी जल्दी आ जाती है। अभी रिपोर्ट मिलने में 24 से 48 घंटे लग रहे हैं। इस मशीन से रिजल्ट जल्दी मिलेगा और मरीजों को आइसोलेट करने में आसानी होगी। 

#3) सामान्य सर्दी-जुकाम के कितने मामले आ रहे हैं?
अभी लॉकडाउन है, साफ-सफाई का काफी ध्यान रखा जा रहा है, लोग मास्क लगा रहे हैं। इस वजह से जो मौसमी बीमारियां थीं वो अब नहीं हो रही हैं। इसके अलावा टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आई है। पहले भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती थी लेकिन लोग गंभीरता से नहीं लेते थे लेकिन अब इसे जरूरी कर दिया गया है तो लोग इसका पालन कर रहे हैं।  

#4) जिनमें बहुत हल्के लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें टेस्ट कराना कितना जरूरी है?
करीब तीन महीने से वायरस के संक्रमितों का इलाज हो रहा है। इसमें देखा गया है कि ज्यादातर लोगों में बहुत हल्के लक्षण, जैसे गले में दर्द, खांसी रहती है। ऐसे मामलों में पहले 10 दिन तक मरीज की निगरानी की जाती है और उन्हें घर भेज दिया जाता है। ऐसे लोग खुद ही ठीक हो जाते हैं और लक्षण नहीं नजर आते हैं। इसलिए टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं, जिनमें बुखार आता रहता है और सभी लक्षण नजर आते हैं, ऐसे लोगों का जब तक टेस्ट निगेटिव नहीं आता, अस्पताल में इलाज चलता रहता है।

#5) अगर शादी में जाना है तो परिवार के साथ जाएं या अकेले?
देश में सभी जिलों को तीन भागों में बांटा गया है, रेड, ग्रीन और ऑरेंज। हर रंग के हिसाब से अलग-अलग छूट दी गई हैं। किसी भी आयोजन को करते समय उस जोन की गाइडलाइन को ध्यान में रखना है। लोगों के इकट्‌ठा होने की भी संख्या तय भी गई है, उसका पालन करें। अगर रेड जोन में है तो संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे में जाएं भी तो सुरक्षित दूरी बनाकर रखें। मास्क लगाकर जाएं, हाथ को सैनेटाइज करते रहें।

ऐसे समझें जोन के मायने।

#6) सांस से जुड़ी बीमारी से परेशान लोगों को क्या विशेष सावधानी रखनी है?
अगर किसी भी तरह की सांस की बीमारी है जैसे अस्थमा तो उसकी दवा रेग्युलर लें। दवा खत्म होने पर मंगाएं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो इस बीच सबसे पहले कोरोना के संक्रमण का खतरा होगा। सिर्फ सांस के मरीज ही नहीं डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के मरीज भी ध्यान रखें।

#7) क्या वायरस से बचने के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का दवा के रूप में प्रयोग कर सकते हैं?
सरकार ने शुरुआत में ही गाइडलाइन जारी की है जो लोग संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं और वायरस से संक्रमित के सम्पर्क में आते रहते हैं, केवल वही लोग हाइडोक्सी क्लोरोक्वीन का सेवन कर सकते हैं। डॉक्टरी की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए, यह सामान्य लोगों के लिए नहीं है।

#8) लोगों के अंदर कोरोना वायरस का डर बैठ गया है तो ऐसे में क्या करें?
कई बार संक्रमित मरीजों में डर रहता है कि वो ठीक होंगे कि नहीं। लेकिन उससे यही कहा जाता है कि आप जरूर ठीक होकर जाएंगे। हमारे देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में जो घर में हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। अगर सभी दिशा-निर्देश का पालन कर रहे हैं तो आपको खतरा नहीं है। इसके अलावा जो लोग ठीक होकर आ रहे हैं उन्हें यह न समझें कि आपको संक्रमित कर देंगे। उनसे अब संक्रमण नहीं होगा।

Related posts

जीवन साइकिल चलाने की तरह है, बैलेंस बनाए रखने के लिए आपको चलते रहना होता है, जैसे ही हम सीखना बंद कर देते हैं, हम मरना शुरू कर देते हैं

News Blast

मानवसेवा ही संत कबीर का धर्म था, हिंदू और मुस्लिम दोनों संप्रदाय के लोग मानते हैं उन्हें

News Blast

चौंकाने वाली रिसर्च:जलवायु परिवर्तन के कारण इंसानों की लम्बाई घट सकती है और दिमाग सिकुड़ सकता है, इंसानों के 300 जीवाश्मों की जांच में हुआ खुलासा

News Blast

टिप्पणी दें