इंफाल सहित मणिपुर के अधिकांश क्षेत्रों में आरक्षण को लेकर उपजी हिंसा से हालात बेकाबू हो गए थे। गोलीबारी, बमबारी और आगजनी की घटना और कर्फ्यू की वजह से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था। हम लोग भी भयभीत हो गए थे। खाने- पीने की व्यवस्था के अलावा जरूरी सेवाएं भी ठप हो गई थी। हमारे कैंपस के पास ही हिंसा होने से हम बेहद डर गए थे।
यह बात इंफाल से लौटे खंडवा के छात्र शशिभान तिवारी ने चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि रात्रि में बिजली भी नहीं जला सकते थे। तीन दिन वहां दहशत के बीच गुजारें। संचार व्यवस्था भी गड़बड़ाने लगी थी। इन हालातों को देखते हुए हमने स्वजन को वापस बुलाने की सूचना दी थी।
हिंसा शुरू होने पर आसपास के प्रांतों के विद्यार्थी अपने घर जा चुके थे। हम भी खंडवा आना चाहते हैं। खंडवा के जनप्रतिनिधियों और मीडिया के सहयोग के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सारे इंतजाम के साथ हमें घर तक पहुंचाया। हम मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मीडिया का मदद के लिए आभार व्यक्त करते हैं। जिनके प्रयासों से हम सुरक्षित घर लौट आए है।इंदौर से खंडवा पहुंचने पर समाजसेवी सुनिल जैन और लायंस क्लब के नारायण बाहेती ने इनका सम्मान किया। विदित हो कि खंडवा के शशिभान तिवारी, शिवम राय, हर्ष राव और ओजस सतीश मुदिराज इंफाल के उपद्रव में फंस गए थे। सभी वहां अध्ययन व प्रशि़क्षण के लिए गए थे।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जैसे ही प्रदेश के विद्यार्थियों की इंफाल में फंसे होने की सूचना मिली तो मात्र तीन दिन में खंडवा सहित प्रदेश के 24 विद्यार्थी सुरक्षित सरकार के खर्चे व प्रयासों से अपने-अपने घर पहुंच गए हैं।