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पहली तिमाही में 66 फीसदी से ज्यादा गिरा हैंडीक्राफ्ट निर्यात, 70 लाख कारीगरों की आजीविका पर संकट

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श्रीनगर/जयपुर/नई दिल्ली2 घंटे पहले

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एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट के महानिदेशक राकेश कुमार का कहना है कि अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मेला-प्रदर्शनियों पर लगी रोक हटनी चाहिए।

  • जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े कारीगर
  • 2020-21 में 10 हजार करोड़ रुपए के कारोबार के नुकसान की आशंका

मुदस्सिर कुलू, प्रमोद शर्मा

कोरोनावायरस और लॉकडाउन ने सभी सेक्टर को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन लाखों कारीगरों को रोजगार देने वाली हैंडीक्राफ्ट उद्योग पर इसकी विशेष मार पड़ी है। अप्रैल से जून तिमाही में हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में दो तिहाई से अधिक की गिरावट आई है। इस दौरान घरेलू मांग भी नदारद रहने की वजह से लाखों कारीगरों की आजीविका पर संकट मंडराने लगा है।

पहली तिमाही में सिर्फ 2048 करोड़ का निर्यात

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सिर्फ 2048 करोड़ रुपए का हैंडीक्राफ्ट निर्यात हुआ है। यह एक साल पहले की समान अवधि के 6174 करोड़ के मुकाबले 66.83 फीसदी कम है। जानकारों की मानें तो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र में आठ से दस हजार करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हो सकता है। हैंडीक्राफ्ट निर्यात में गिरावट से देश के 10 हजार से ज्यादा निर्यातकों और 70 लाख से ज्यादा कारीगरों पर सीधा असर पड़ रहा है।

कश्मीर की जीडीपी में हैंडीक्राफ्ट 3-4% का योगदान

हैंडीक्राफ्ट का कश्मीर की जीडीपी में तीन से चार फीसदी का योगदान है। कश्मीर कारीगर पुनर्वास मंच के अध्यक्ष अहमद भट्ट कहते हैं कि हम अपने सामान को न निर्यात कर पा रहे हैं और न ही घरेलू बाजार में बेच पा रहे हैं। इस साल के सभी ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं। हस्तशिल्प से जुड़े लोगों ने 300 करोड़ का लोन भी ले रखा है। भट्ट का कहना है कि सरकार इस लोन को माफ करे ताकि कारीगरों को राहत मिल सके।

मेला-प्रदर्शनियों पर लगी रोक हटाए सरकार
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) के चेयरमैन रवि पासी कहते हैं कि एमईआईएस बंद होने से हैंडीक्राफ्ट निर्यातक दूसरे देशों के मुकाबले पिछड़ जाएंगे। इससे भी निर्यात में कमी आएगी। वहीं ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार का कहना है कि अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मेला-प्रदर्शनियों पर लगी रोक हटनी चाहिए। हैंडीक्राफ्ट खरीदने वाला टच एंड फील चाहता है। वर्चुअल प्रोडक्ट देखने पर वह संतुष्ट नहीं होता है।

जर्जर स्थिति में पहुंचा हस्तशिल्प सेक्टर

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शेख अशीक का कहना है कि हमारा हस्तशिल्प सेक्टर जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट और ट्रेड को नुकसान हो रहा है। हमने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर सहायता की मांग की है।

हैंडीक्राफ्ट के किस क्षेत्र से कितना निर्यात

आयटम मूल्य गिरावट
आर्टमेयर वेयर 259.16 70.83%
वुडवेयर 448.94 63.62%
हैंड प्रिंटेड टेक्सटाइल 165.44 72.14%
एम्ब्रॉयडरी उत्पाद 350.20 64.63%
शाल एवं आर्टवेयर 0.14 67.44%
जरी एवं जरी गुड्स 16.39 60.48%
इमिटेशन ज्वैलरी 154.05 61.66%
अगरबत्ती एवं खुशबू उत्पाद 93.69 61.87%
अन्य हैंडीक्राफ्ट उत्पाद 560.23 68.83%
कुल 2048.24 66.83%

नोट: राशि करोड़ रुपए में है। सोर्स: ईपीसीएच।

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