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स्कंद और ब्रह्म पुराण का कहना है सुबह उठते ही करना चाहिए आकाश का दर्शन

3 घंटे पहले

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  • लघुव्यास संहिता के अनुसार पलंग के सामने नहीं होना चाहिए शीशा, कूर्म पुराण कहता है बांस या पलाश की लकड़ी का पलंग होता है अशुभ

वास्तु ग्रंथों के अलावा स्कंद और ब्रह्मपुराण सहित 2 संहिता ग्रंथ और अन्य 3 पुराणों में बताया गया है कि सोने की जगह कैसी हो, पलंग कहां और किस दिशा में होना चाहिए। चरक संहिता और कूर्म पुराण में बताया गया है कि पलंग लोहे का और किसी अशुद्ध धातु का नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही ये बताया गया है कि पलंग में कौन सी लकड़ी का इस्तेमाल होना चाहिए। वहीं, स्कंद, विष्णु, वामन और ब्रह्म पुराण में पलंग की जगह और सोने की दिशा के बारे में बताया गया है। काशी के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. गणेश मिश्र का कहना है कि धर्म ग्रंथों में बताई ये बातें शारीरिक परेशानियों से तो बचाती ही हैं। इनके अनुसार अपने बेडरुम में बदलाव करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और उम्र भी बढ़ती है।

धर्म ग्रंथों में बताई गई महत्वपूर्ण बातें

1. लघुव्यास संहिता के अनुसार पलंग के सामने शीशा नहीं होना चाहिए। शीशे में बेड दिखाई देता है तो उस बेड पर सोने वालों की सेहत और रिलेशनशिप दोनों पर नेगेटिव असर पड़ता है। इस ग्रंथ के दूसरे अध्याय में शैय्या और दर्पण की इस स्थिति को अशुभ बताया गया है।

2. स्कंद और ब्रह्मपुराण में बताया गया है कि कैसी जगह नहीं सोना चाहिए। इन ग्रंथों के अनुसार पलंग के बराबर में खिड़की का होना शुभ रहता है। उठते ही आकाश का दर्शन हो सके इसलिए सुबह कुछ देर तक खिड़की खुली रहनी चाहिए। इससे आलस्य और थकान खत्म हो जाती है और सांस संबंधी बीमारियां भी नहीं होती।

3. विष्णु और वामन पुराण के अनुसार आपके पलंग का हेडर पूर्व या दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए। इन दिशाओं में सिर रखकर सोने से पैसा और आयु बढ़ती है।

4. कूर्म पुराण के अनुसार बांस या पलाश की लकड़ी का पलंग नहीं होना चाहिए। इसके अलावा लोहा और अन्य अशुद्ध धातु का पलंग भी बीमारियां देने वाला होता है। इसके अलावा सागौन का पलंग इस्तमाल किया जा सकता है।

5. चरक संहिता के अनुसार पलंग समतल जगह पर होना चाहिए। उसका कोई भी हिस्सा टूटा नहीं होना चाहिए और आवाज करने वाला बेड भी अशुभ माना गया है।

6. आपका शैय्या स्थान यानी पलंग दो दरवाजों के बीच नहीं रखा होना चाहिए। ऐसा होने से इस पर सोने वाले की तबीयत बार-बार खराब होती है और उसे मानसिक अशांति का भी सामना करना पड़ सकता है।

7 . शयनकक्ष और स्नानगृह की स्थिति के बारे में ग्रंथों में लिखा है कि बाथरूम और बेडरूम को जोड़ने वाली दीवार से पलंग दूर होना चाहिए। ऐसा होने से मानसिक तनाव और डर बना रहता है। इससे बचने के लिए उस दीवार और पलंग के बीच लकड़ी का तख्ता लगाएं।

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