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वनराज के दीदार के लिए अब करना पड़ेगा इंतजार

  • मानसून के चलते कान्हा, पेंच, बांधवगढ़ नेशनल पार्क के कोर एरिया में भ्रमण आज से हो जाएगा बंद, ट्रैप कैमरों से होगी निगरानी

दैनिक भास्कर

Jun 30, 2020, 04:00 AM IST

जबलपुर. मानसून के सक्रिय होते ही नेशनल पार्कों को बंद करने का फैसला लिया गया है। पेंच, बांधवगढ़, कान्हा नेशनल पार्क को 30 जून से बंद किया जा रहा है। मनसून के दौरान गश्ती दल द्वारा निगरानी जारी रहेगी। वहीं पार्क में लगे ट्रैप कैमरों से वन्य जीवों की निगरानी की जाएगी। पार्कों के कोर एरिया को बंद किया गया है, हालाकि बफर एरिया में पर्यटक जा सकेंगे। इसलिए वनराज के दीदार के लिए लोगों को कोर एरिया के खुलने तक इंतजार करना पड़ेगा। 
कान्हा: साढ़े उन्नीस सौ पर्यटकों ने लिया सैर का आनंद  
मंडला। कान्हा नेशनल पार्क का कोर एरिया पयर्टन के लिए 30 जून के बाद बंद कर दिया जाएगा। आज मंगलवार को पर्यटन का अंमित दिन होगा। बारिश के चार माह पार्क बंद रहने के बाद अक्टूबर में फिर से पयर्टन शुरू किया जाएगा। गौतरबल है कि कोरोना काल में पार्क 18 मार्च से पयर्टन के लिए पार्क को बंद किया गया था लेकिन स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कान्हा में पर्यटन 15 जून से दोबारा शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुये शुरू किया गया। बारिश के कारण एक बार फिर कोर एरिया को बंद किया गया है। बफर एरिया में पयर्टन चल सकेगा। बफर के खटिया, सिझोरा और खापा में पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे। 
विदेश से भी आए सैलानी – कान्हा नेेशनल पार्क में सबसे ज्यादा पयर्टक 28 जून को आये है। 425 पर्यटकों ने कान्हा का भ्रमण किया है। सामान्य दिनों में 900 पर्यटक तक पार्क भ्रमण के आते थे। पार्क बंद होने के कारण 29 जून और आज 30 जून को भी ज्यादा पर्यटकों के आने की संभावना है। कान्हा में 15 जून से लेकर 28 जून तक 1952 पर्यटकों ने कान्हा का भ्रमण किया है। जिसमें 3 विदेश पर्यटक भी शामिल है। कोरोना काल में विदेशी पर्यटक नही आ पाये है। 

पेंच: 240 कैमरों से होगी पेंच पार्क की निगरानी
सिवनी। पेंच पार्क का कोर एरिया आज शाम से बंद कर दिया जाएगा। केवल बफर एरिया में पर्यटकों की आवाजाही जारी रहेगी। पार्क के कोर एरिया के अलावा बफर एरिया में भी करीब 240 कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से निगरानी होगी।  कैमरे उन जगहों पर लगे हैं जहां पर वन्यप्राणियों की आवाजाही, गांव के करीबी रास्ते के अलावा उन संभावित क्षेत्रों में जहां से शिकारी घुसपैठ कर सकते हैं। फील्ड डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व विक्रम सिंह परिहार के अनुसार मानसून गश्त के लिए 500 सुरक्षा श्रमिकों के अलावा 200 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। हर दल को अलग-अलग स्थानों पर जाना होगा। जीपीएस भी वे साथ रखेंगे। गश्त में जाने से पहले वे अपनी फोटो लेंगे ताकि यह पता लग सकेगा कि संबंधित लोग गश्त पर गए थे। गश्त के दौरान हर एक्टिविटी को नोट किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति मिलता है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

बांधवगढ़ : 100 से अधिक बाघ, 40 जंगली हाथियों का पड़ाव 
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मानसून सक्रिय होने के साथ ही मानसून गश्त की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मानसून गश्ती के तहत 175 पाइंट्स चिन्हित कर दिए गए हैं। 525 से अधिक वन प्रहरियों का दल हर रोज 9 रेंज के 1536 वर्ग किमी. पर अपनी पैनी नजर रखेगा। बीटीआर में औसतन हर 12-15 वर्ग किमी. पर यहां एक टाइगर की मौजूदगी है। इसके अलावा 40 से अधिक जंगली हाथी भी यहां अपना स्थाई रहवास बना चुके हैं। बारिश के साथ ही नदी, नालों में जल स्तर बढ़ रहा है। घास के मैदान हरे दिख रहे हैं। यह वनराज के स्वच्छंद विचरण का समय माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश का सीजन बाघों के मैटिंग (सहवास) के अनुकूल रहता है।

बाघ-बाघिन एकांत में समय बिताते हैं और कई दिनों तक गश्त में लोकेट नहीं होते। ताला जोन में एक जोड़ा एक साथ मैटिंग पीरियड में है भी। दूसरी ओर बारिश का फायदा उठाकर शिकारी पार्क में घुसने की कोशिश करते हैं, इसलिए वन अमला मानसून अलर्ट पर रहता है। ऐसे में इस चुनौती पूर्ण कार्य के लिए वाहन की बजाए फुट पेट्रोलिंग अहम हो जाती है। वनराज को तलाशने हाथी दल की मदद ली जाती है। 30 जून के बाद पार्क बंद होते ही कोर एरिया का 716.903 वर्ग किमी. का दायरा आम नागरिकों के लिए पूर्णत: प्रतिबंधित हो जाएगा। संचालक बीटीआर विंसेंट रहीम के अनुसार बांधवगढ़ में मानसून गश्त के लिए 175 पेट्रोलिंग कैम्प बनाकर दल गठित कर दिए गए हैं। प्रत्येक दिन रूटीन के अनुसार इनमें हाथी दल की मदद लेते हुए ये लोग पैदल गश्त करेंगे।

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