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कुछ लोग ऐसे घड़े की तरह होते हैं, जिनके मुख पर दूध और अंदर विष होता है, इनसे बचें

  • चाणक्य नीतियां ध्यान रखने से हम कई परेशानियों से बच सकते हैं

दैनिक भास्कर

Apr 28, 2020, 10:33 AM IST

जिन लोगों के मित्र अच्छे होते हैं, उनकी बड़ी-बड़ी परेशानियां भी आसानी से दूर हो सकती हैं। बुरे मित्रों की वजह से बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं। मित्रों के संबंध में चाणक्य की नीतियां हमारे काम आ सकती हैं…

चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के पांचवें श्लोक में लिखा है कि

परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्ष प्रियवादिनम्।

वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुंभम् पयोमुखम्।।

इस नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो मित्र हमारे सामने मीठी बातें करते हैं, हमारी तारीफ करते हैं और पीठ पीछे बुराई करते हैं, काम बिगाड़ने की कोशिश करते हैं, उससे मित्रता नहीं रखनी चाहिए। ऐसे लोगों को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

इस तरह के लोग उस घड़े के समान होते हैं, जिनके मुख पर तो दूध दिखाई देता है, लेकिन अंदर विष भरा होता है। इनका साथ हमारे लिए नुकसानदायक है। इसीलिए ऐसे मित्रों से बचना चाहिए, वरना बाधाएं कभी दूर नहीं हो पाएंगी।

चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के छठे श्लोक में लिखा है कि

न विश्वसेत् कुमित्रे च मित्रे चाऽपि न विश्वसेत्।

कदाचित् कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत्।।

इस नीति में चाणक्य कहते हैं कि हमें बुरे स्वभाव वाले मित्रों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए। साथ ही, ये बात भी ध्यान रखें कि कभी भी अच्छे मित्रों पर भी पूरा भरोसा न करें, उन्हें भी अपनी राज की बातें नहीं बतानी चाहिए। भविष्य में अच्छे मित्र से विवाद हो गया तो वह हमारे सभी राज उजागर कर देगा, जिससे हमारा जीवन संकट में फंस सकता है।

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