- राजा ने मदद करने वाले वनवासी को उपहार में दिया चंदन का बाग, वनवासी नहीं जानता था चंदन का महत्व
दैनिक भास्कर
May 26, 2020, 07:52 AM IST
अज्ञान की वजह से अधिकतर लोग अच्छे अवसरों का लाभ नहीं उठा पाते हैं और परेशानियों का सामना करते हैं। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा वन में शिकार के लिए गया, लेकिन शिकार नहीं मिला तो वह बहुत दूर तक चले गया। जिससे वह वापस अपने राज्य में लौटने का रास्ता भूल गया। रास्ता खोजते-खोजते उसे बहुत समय हो गया, भूख-प्यास से उसकी हालत खराब होने लगी थी। तभी राजा को एक झोपड़ी दिखाई दी। झोपड़ी के पास गया और वहां रहने वाले वनवासी से राजा ने भोजन और पानी मांगा।
वनवासी ने राजा का उचित सत्कार किया। इससे राजा बहुत प्रसन्न हुआ और वनवासी से कहा कि हम इस राज्य के राजा हैं और तुम्हारे आतिथ्य से खुश हैं, इसीलिए हम तुम्हें हमारे नगर का चंदन का बाग भेंट में देते हैं। इसके बाद वनवासी के बताए हुए रास्ते से राजा अपने नगर में लौट गया। वनवासी भी राजा के नगर में पहुंचा और राजा की आज्ञा से उसे चंदन के बाग मिल गया।
वनवासी को चंदन के गुण और उसके महत्व की जानकारी नहीं थी। वह चंदन की लकड़ी जलाकर उससे कोयला बनाता और कोयला बाजार में बेचकर आ जाता था। धीरे-धीरे बाग के सभी चंदन के पेड़ खत्म हो गए। सिर्फ एक पेड़ बचा था। वनवासी अंतिम पेड़ को काटता, उससे पहले बहुत बारिश होने लगी। बारिश की वजह पर पेड़ जलाकर कोयला नहीं बना पाया। तब उसने सोचा कि आज लकड़ी ही बेच आता हूं।
जब वनवासी चंदन की लकड़ी लेकर बाजार में गया तो चंदन की महक बाजार में फैल गई। बाजार में उसकी सभी लकड़ियां बहुत अधिक धन में बिक गई। यह देखकर वनवासी आश्चर्यचकित था कि मैंने तो इस बहुमूल्य लकड़ी को जला-जलाकर कोयला बनाकर बेचा, जबकि इससे तो बहुत ज्यादा धन प्राप्त किया जा सकता था। वनवासी ये बात सोचकर पश्चाताप करने लगा।