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बारिश में अंतिम संस्कार के लिए 12 घंटे का इंतजार:गांव के श्मशान में टीन शेड तक नहीं, लंबे इंतजार के बाद खेत में अस्थाई टीन शेड बनाकर किया अंतिम संस्कार

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मुरैना3 घंटे पहले

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खेत में अस्थाई टीन शेड के नीचे अंतिम संस्कार। - Dainik Bhaskar

खेत में अस्थाई टीन शेड के नीचे अंतिम संस्कार।

जिले के अंबाह में बारिश में श्मशान में टीम शेड तक नहीं है। बारिश के दिनों में गांव में मरने वाले शख्स के अंतिम संस्कार तक में परेशानी आती है। ताजा मामला बुधवार को सामने आया। यहां बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए 12 घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। जैसे ही शव को श्मशान लेकर गए, बारिश होने लगी। काफी इंतजार के बाद बारिश बंद नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने खेत में लकड़ी के चार डंडे गाढ़कर टीन शेड लगाई। उसकी नीचे अंतिम संस्कार किया गया। खास बात है कि ये स्थिति हर उस गांव की है, जहां श्मशान में टीन शेड नहीं है।

खास बात है कि मुरैना जिले में हर गांव में श्मशान नहीं है। कुछ गांव तो श्मशान से ज्यादा दूर हैं। जिन जगहों पर श्मशान हैं, वहां भी बारिश का पानी भरा है। वहां तक पहुंचने के रास्ते में कीचड़ है। वहां जैसे-तैसे लोग पहुंच भी जाएं, तो बारिश से बचाव के लिए टीन शेड तक नहीं। इसी मुसीबतों से बचने के लिए लोग खेत में शव जला देते हैं।

जिले की अंबाह की पलपुरा पंचायत के कटारे का पुरा गांव में मंगलवार दोपहर नत्थी सिंह (56) पुत्र मलखान सिंह का निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं, इसी दौरान बारिश होने लगी। गांव में श्मशान के नाम पर खाली मैदान है। यहां टीन शेड तक नहीं। इसके अलावा, श्मशान में घुटने-घुटने तक पानी भरा है। यहां पहुंचने का रास्ता भी कीचड़भरा है। कई जगह रास्ते में पानी भरा है। इस वजह से वहां तक जाना भी संभव नहीं था।

बावजूद परिजन बारिश थमने का इंतजार करते रहे। देर शाम बारिश थमी और रात में अंतिम संस्कार होता नहीं। लिहाजा, पूरी रात शव घर में ही रखे रहे। अगले दिन बुधवार को अंतिम संस्कार करना तय किया। सुबह से फिर बारिश होने लगी। उधर, घर में शव रखे 12 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका था, जिससे शव में दुर्गंध उठने लगी थी। ऐसे में गांव के लोगों ने खेत में अंतिम संस्कार का निर्णय लिया। लोगों ने बरसते पानी में खेत में अस्थाई टीन शेड बनाया। इसके नीचे एक फीट ऊंचा मिट्‌टी का चबूतरा बनाया, क्योंकि खेत में पानी भरा था। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।

खेत में अस्थाई टीन शेड बनाकर अंतिम संस्कार किया गया।

खेत में अस्थाई टीन शेड बनाकर अंतिम संस्कार किया गया।

गैपरा में तिरपाल के नीचे किया था अंतिम संस्कार

बता दें, कुछ दिन पहले गैपरा गांव में तिरपाल के नीचे अंतिम संस्कार किया गया था। दैनिक भास्कर ने इस खबर को प्रकाशित किया था। तब प्रशासन ने श्मशान में टीन शेड बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए स्वीकृत किए।

हर साल होती है परेशानी

श्मशान तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। श्मशान में टीन शेड व चबूतरा तक नहीं है। यहां बारिश में पानी भर जाता है। हर सीजन में यह परेशानी आती है। किसी का निधन होने पर इसी तरह टीन शेड बनाकर खेतों में या बस्ती के बाहर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। कई बार पंचायत से भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मामले में ADM नरोत्तम भार्गव का कहना है, उनकी जानकारी में मामला नहीं है। गांवों में अगर शवों को जलाने को लेकर यह स्थिति है, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

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