May 4, 2024 : 5:23 AM
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व्रत और पर्व:11 से 24 जुलाई तक रहेगा आषाढ़ महीने का शुक्लपक्ष, धार्मिक ही नहीं भौगोलिक और सेहत के नजरिये से भी खास हैं ये 15 दिन

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  • The Shukla Paksha Of The Month Of Ashadh Will Be From 11 To 24 July, These 15 Days Are Special Not Only From The Religious Point Of View, But Also From The Geographical And Health Point Of View.

11 घंटे पहले

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  • पुराणों में बताया गया है आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष में आने वाले तीज-त्योहारों का महत्व

आषाढ़ महीने का शुक्लपक्ष भौगोलिक, धार्मिक और सेहत के नजरिये से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन दिनों सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होता है। इसलिए मौसम भी बदलता है। इन दिनों में भौगोलिक बदलाव भी शुरू हो जाते हैं। आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष में दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं। फिर श्रावण महीना शुरू होता है। जो कि बारिश के मौसम की शुरुआत माना जाता है। इस तरह आषाढ़ महीने का शुक्लपक्ष मौसमी बदलाव वाला समय होता है। इसलिए हिंदू धर्म में सेहत का ध्यान रखते हुए आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष के तीज-त्योहारों की परंपरा है।

आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की शुरुआात गुप्त नवरात्रि से होती है। इन 9 दिनों में देवी दुर्गा की विशेष पूजा के साथ शरीरिक नियम संयम के साथ तप किया जाता है। आषाढ़ शुक्लपक्ष में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा, भड़ली नवमी, देवशयनी एकादशी और गुरु पूर्णिमा जैसे बड़े व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इसलिए पद्म, स्कंद और विष्णु पुराण सहित अन्य ग्रंथों में आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है।

आषाढ़ शुक्लपक्ष में आने वाले खास तीज-त्योहार

गुप्त नवरात्रि: सालभर में चार नवरात्र होते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल की पहली नवरात्रि चैत्र महीने में होती हैं। वहीं बड़े स्तर पर शारदीय नवरात्रि भी मनाई जाती है जो कि आश्विन महीने में आती हैं। लेकिन अश्विन महीने के बाद माघ महीने में और चैत्र के बाद आषाढ़ महीने में भी नवरात्र होते हैं। जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र 11 जुलाई से शुरू होंगे जो कि 18 तारीख तक रहेंगे।

जगन्नाथ यात्रा: आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती है। इसमें भगवान श्री कृष्ण, माता सुभद्रा व बलराम का पुष्य नक्षत्र में रथोत्सव निकाला जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष जगन्नाथ यात्रा यह तिथि 12 जुलाई मंगलवार है।

देवशयनी एकादशी: देवशयनी एकादशी 20 जुलाई को है। ये बहुत ही खास पर्व होता है। इस दिन से धर्म-कर्म का दौर शुरू हो जाता है और सभी मांगलिक काम बंद हो जाते हैं। दरअसल माना जाता है कि इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं यानी कि खास तरह की नींद में रहते हैं। इसके बाद कार्तिक महीने की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी को ही जागते हैं।

आषाढ़ पूर्णिमा: आषाढ़ पूर्णिमा का दिन बहुत ही खास होता है। इस दिन को गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा आदि के रूप में भी मनाया जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 24 जुलाई को शनिवार के दिन है।

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