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आंखों को स्वस्थ रखने के लिए 20-20-20 का फॉर्मूला अपनाएं, रोजाना 3-4 लीटर पानी पिएं और सही फॉन्ट का चुनाव करें

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  • Eye Health News: Coronavirus Eye Protection: Expert Tips For Eye Health And Maintaining Good Eyesight

नई दिल्ली2 महीने पहले

  • हर 20 मिनट स्क्रीन देखने के बाद आंखों को 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखकर ब्रेक दें
  • महामारी के दौरान गैजेटस के साथ अधिक समय बिताने से आंखों पर पड़ रहे बुरे असर को कम किया जा सकता है

कोरोना काल में बच्चों का मोबाइल फोन के साथ बीतने वाला समय बढ़ गया है। चाहे ऑनलाइन क्लासेज लेने के लिए हो या फिर गेम खेलने के लिए हो। मोबाइल के कई फायदे होने के बावजूद, डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन डिजिटल लर्निंग अब न्यू नॉर्मल है। और यह अब लंबे समय तक रहने वाली स्थिति है। मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से आंखों पर रेडियोफ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का असर सबसे ज्यादा होता है। और छोटे बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका ज्यादा होती है, क्योंकि उनका नर्वस सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता। 

आंखों की इस समस्या को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम या डिजिटल आई स्ट्रेन के नाम से जाना जाता है। इसमें वे सभी समस्याएं आ जाती हैं जो फोन या डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक प्रयोग के कारण से हुई हैं। कुछ ऐसी सावधानियां हैं, जिनका ध्यान रखकर आप अपनी और अपने बच्चों की आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं। 

अगर गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ये सावधानियां जरूर रखें

  • डेस्क पर काम करते समय कंप्यूटर स्क्रीन को आई लेवल से थोड़ा नीचे 20 इंच की दूरी में या अपने हाथ की लंबाई जितना दूर रखें।
  • यदि बच्चे को पहले से ही कमजोर दृष्टि के कारण चश्मा लगा हुआ है, तो कंप्यूटर या मोबाइल के इस्तेमाल के समय चश्मा जरूर लगवाएं।
  • स्क्रीन देखते वक्त हम पलक झपकना भूल जाते हैं। इसे याद रखें, इससे आप सूखेपन और धुंधलेपन की समस्या से बच सकते हैं।
  • स्क्रीन को लगातार देखने से बचें। यानी हर 20 मिनट स्क्रीन देखने के बाद आंखों को 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखकर नियमित ब्रेक दें।
  • अपने गैजेट की स्क्रीन को हमेशा साफ रखें। सूखे कपड़े से इसे साफ करते रहें। उंगलियों के निशान इस पर ना आने दें।
  • स्क्रीन और आस पास में पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करें। गैजेट की ब्राइटनेस को भी मेंटेन करें ताकि यह बहुत कम या बहुत तेज़ भी ना हो।
  • आंखों को थकान होने पर रगड़ने से बचें क्योंकि इससे आंखों में संक्रमण की आशंका बढ़ सकती है।
  • मोबाइल/कंप्यूटर पर फ़ॉन्ट साइज बड़ा रखें। स्पष्ट फ़ॉन्ट का इस्तेमाल करें। जैसे एरियल को अच्छा फ़ॉन्ट माना गया है।
  • बच्चों को पर्याप्त नींद और अच्छी मात्रा में पानी पीने के लिए कहें क्योंकि कम पानी पीने से आंखों में सूखेपन के लक्षण बढ़ सकते हैं।

दुनिया की अलग-अलग रिसर्च में ये तरीके भी बताए गए हैं
मैट स्क्रीन फिल्टर लगाएं
स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टैबलेट की स्क्रीन पर मैट स्क्रीन फिल्टर लगाएं। चमक कम होगी। डिवाइस की सेटिंग में नाइट मोड और ब्लू लाइट फिल्टर जैसी सेटिंग का इस्तेमाल करें।

डार्क थीम/मोड का इस्तेमाल करें
अगर आपकी डिवाइस में डार्क थीम का विकल्प हो तो उसे चुनें। आंखों पर जोर कम पड़ेगा। वॉट्सएप जैसे एप्स पर यह विकल्प उपलब्ध है। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो उसे ब्रेक देकर चश्मे का भी इस्तेमाल करें।

20 इंच की स्क्रीन सबसे बेहतर
बड़ी स्क्रीन पर रेजुल्यूशन भी बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि कंप्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन 20 इंच से कम न हो। कंप्यूटर मॉनीटर की रिम पर अगर कोई सजावट है तो उसे हटा दें। फोकस करने में आसानी होगी। कंप्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन खिड़की की तरफ न हो ताकि स्क्रीन पर सीधे लाइट न गिरे।

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