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एक शायर जो हाथ ऊंचा करके कहता था- जिस दिन रुख़सती की खबर मिले, मेरी जेबें टटोल लेना

18 दिन पहले

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  • साल 2020 राहत इंदौरी की शायरी का 51वां साल रहा, लॉकडाउन के कारण वे सोशल मीडिया के जरिये लगभग हर दिन अपनी बात कहते थे
  • शायरी के 50 बरस पूरे होने पर मार्च में राहत इंदौरी ने दैनिक भास्कर से चंद अहम बातें साझा की थीं, इन यादों को राहत अपनी ‘नेमत’ कहते थे

वह 4 दिसंबर 2019 की तारीख थी... जब राहत इंदौरी साहब को बकलम शायर हुए 50 बरस हो गए थे। इस मौके पर उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था- ‘मैं अक्सर सोचता हूं कि ऐसी दो लाइनें अब तक नहीं लिखीं, जो 100 साल बाद भी मुझे जिंदा रख सकें। जिस दिन यह ख़बर मिले कि राहत इंदौरी दुनिया से रुख़सत हो गए हैं, समझ जाना कि वो मुकम्मल दो लाइन मैंने लिख ली हैं। आप देखिएगा मेरी जेबें… मैं वादा करता हूं कि वो दो लाइनें आपको मिल जाएंगी…।

यह 11 अगस्त, 2020 की तारीख है.... महज आठ महीने बाद ही मनहूस दिन आ भी गया। मंगल की शाम अचानक खबर आई कि राहत साहब रुख़सत हो गए। जिस कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया की तस्वीर को STAY HOME – SAVE LIVES लिखकर संदेश दिया था, उसी कोरोना ने उन्हें संभलने नहीं दिया। ख़िराजे अकीदत (श्रद्धांजलि) के साथ मायूस होकर चाहने वाले कह रहे कि आज हिंदी-उर्दू के बीच का एक और मजबूत पुल टूट गया।

इन 10 चुनिंदा शेरों के साथ राहत साहब के बेबाकीपन और उनकी शायरी की ताकत को आप भी महसूस कीजिए, और शेयर करना न भूलिए…अलविदा राहत साहब…

राहत साहब से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं…

1. रूह को राहत देने वाला शायर रुखसत हुआ, राहत इंदौरी को निमोनिया के बाद कोरोना भी हुआ था

2. राहत की रुखसत पर मायूसी, कुमार विश्वास ने लिखा- ठहाकेदार किस्सों का एक बेहद जिंदादिल हमसफर हाथ छुड़ा कर चला गया

3. 1993 में पहली बार ‘सर’ में सुनाई दिया था राहत इंदौरी का लिखा गाना, आखिरी बार 2017 में बेगम जान के लिए लिखा था

4. मंच पर शेर सुनाते-सुनाते आया था राहत इंदौरी को हार्ट अटैक, मौत को छूकर वापस आ गए थे

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