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जागरूक, संवेदनशील और बेहतर इंसान बनने में मदद करती हैं किताबें, लॉकडाउन के दौर में पढ़ने के शौक को हवा दें

दैनिक भास्कर

Apr 23, 2020, 04:33 PM IST

कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने लिखा है- ‘कुछ लिखकर सो, कुछ पढ़कर सो, तू जिस जगह जगा सवेरे, उससे आगे बढ़कर सो’…….पढ़ने की आदत वह आदत है, जो हमें सुकून देने के अलावा एक जागरूक, संवेदनशील और बेहतर इंसान बनने में मदद करती है। आइए, कोरोना वायरस से उपजे संकट और लॉकडाउन के इस दौर में जानें कि रीडिंग हैबिट क्यों है जरूरी और कैसे हम फिर से अपनी पढ़ने की आदत को जिंदा कर सकते हैं। साथ ही, हिंदी में आज-कल क्या पढ़ें, कैसे पढ़ें? 

क्यों ज़रूरी है रीडिंग हैबिट

‘Reading makes a full man, conference a ready man and writing a perfect man.’

सचमुच पढ़ने की आदत हमें जागरूक, समझदार और सम्पूर्ण व्यक्ति बनाती है। वैसे भी, फेक न्यूज और वॉट्सएप के जरिए अधकचरा ज्ञान प्राप्त करने से कहीं बेहतर है प्रामाणिक और स्तरीय किताबों, अखबारों, पत्रिकाओं को अपनी ज्ञान का जरिया बनाना।

साथ ही, रीडिंग हैबिट स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी खतरे से मुक्त है। टी.वी. और मोबाइल में घंटों आंखें गड़ाए रखने से बेहतर है कि किताबों से दोस्ती की जाए। किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हो सकती हैं। ज्ञान-विज्ञान से लेकर साहित्य और कविता तक, घुमक्कड़ी और संस्मरणों से लेकर आत्मकथाओं और मोटिवेशनल तक, फिक्शन और नॉन-फिक्शन किताबें हमें नई-नई जानकारियों और खुशियों से सराबोर कर देती हैं।

लॉकडाउन और पढ़ने का शौक

किसने सोचा था कि दुनिया एक वायरस के आगे बेबस होकर घर में कैद हो जाएगी। किसी ने तो लिख भी दिया-

‘सारे मुल्कों को नाज था अपने-अपने परमाणु पर,

कायनात हो गई बेबस, एक छोटे से विषाणु पर।’

चूंकि घर में रहना और बाहर न निकलना ही नागरिकों के लिए सबसे बड़ी देश-सेवा है, ऐसे में क्या करें कि व्यस्त और मस्त रहते हुए ये मुश्किल वक़्त अच्छे से निकल जाए और रीडिंग हैबिट फिर से हमारी ज़िंदगी में लौट आए।

रीडिंग की ओर कैसे लौटें

अपने फील्ड में बेहतरी के लिए आपको कुछ विषय संबंधी किताबें पढ़नी होती हैं। पर इनसे अलग भी, कुछ और पढ़ते-पढ़ते न केवल नई जानकारियों और ज्ञान से रु-ब-रु होने का मौका मिलता है, बल्कि भाषा पर पकड़ भी मजबूत होती है। साथ ही एक बेहतरीन आदत का विकास होता और आनंद की अनुभूति होती है, सो अलग।

क्या पढ़ें?

लेकिन हिंदी में क्या पढ़ें, यह सवाल काफी प्रासंगिक और ज्वलंत सा हो जाता है। इस हिंदी की किताबों कोआप सुविधा और रूचि के अनुसार तीन कैटेगरी में बांट सकते हैं…

  • पहली कैटेगरी में वे किताबें आती हैं, जो जानकारी और सोच का दायरा बढ़ाने व चिंतन की गहराई बढ़ाने में मदद करती हैं। ये किताबें नॉन-फिक्शन किताबें कहलाती हैं। ये किताबें, इतिहास, राजनीति, इकॉनमी, दर्शन, सेल्फ़-हेल्प जैसे विषयों पर सामान्य पाठकों की रूचि के हिसाब से लिखी जाती हैं और आपकी समझ को गहरा और व्यापक बनाती हैं।इन किताबों में अमर्त्य सेन, रामचंद्र गुहा, गुरचरन दास, ज्याँ द्रेजे, रजनी कोठारी, शशि थरूर, प्रताप भानु मेहता, बिपिन चंद्रा, सुनील खिलनानी जैसे मशहूर लेखकों की किताबें शामिल हो सकती हैं। ज़्यादातर किताबों के हिंदी अनुवाद वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
  • दूसरी किताबें हैं सदाबहार साहित्यिक किताबें (फिक्शन) जैसे-  प्रेमचंद, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी, मोहन राकेश, धर्मवीर भारती, फणीश्वरनाथ रेणु, श्रीलाल शुक्ल, अमरकान्त, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, काशीनाथ सिंह, उदय प्रकाश आदि के उपन्यास, कहानियां, नाटक और व्यंग्य। अगर आप कविताओं में दिलचस्पी रखते हैं, तो निराला, प्रसाद, महादेवी, पंत, दिनकर, मुक्तिबोध, अज्ञेय, नागार्जुन की कविताओं से लेकर  दुष्यंत कुमार, निदा फाजली, जावेद अख्तर और गुलजार की गजलें-नज्में आपका इंतज़ार कर रही हैं। इंटरनेट पर पढ़ने के लिए ‘कविता कोश’ और ‘गद्य कोश’ का सहारा ले सकते हैं।
  • तीसरी तरह की किताबें नए मिजाज की किताबें हैं। ये है युवाओं द्वारा लिखा गया युवाओं पर केंद्रित नया और ताजगी भरा साहित्य, जो ‘नई वाली हिंदी’में युवा लेखकों द्वारा लिखा गया है। यह ज्यादातर कहानियां, नॉवल या ट्रैवलॉग हैं। मिसाल के तौर पर- नीलोत्पल मृणाल की ‘डार्क हॉर्स’, दिव्यप्रकाश दुबे की ‘मसाला चाय’, सत्य व्यास की ‘दिल्ली दरबार’, पंकज दुबे की ‘लूज़र कहीं का’, ललित कुमार की ‘विटामिन ज़िंदगी’, अनुराधा बेनीवाल की ‘आज़ादी मेरा ब्राण्ड’, नवीन चौधरी की ‘जनता स्टोर’, शशांक भारतीय की ‘देहाती लड़के’, कुलदीप राघव की ‘इश्क मुबारक’, गौरव सोलंकी की ‘ग्यारहवीं ए के लड़के’, भगवंत अनमोल की ‘बाली उमर’ जैसी नई जैसी किताबें शामिल हैं। इस तरह के नए किस्म के साहित्य के भीतर अंग्रेजी के लोकप्रिय लेखकों चेतन भगत, अमीश त्रिपाठी, अश्विन सांघी, आनंद नीलकंठन, क्रिस्टोफर सी डॉयल की लोकप्रिय किताबों के हिंदी अनुवाद भी शामिल किए जा सकते हैं।

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