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आचार्य बालकृष्ण ने बताई पीछे की कहानी, कहा- ट्रायल में किसी मरीज की मौत नहीं हुई, हमने सभी नियम माने

  • आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके लिखा, हमनें ट्रायल के नियमों का 100 फीसदी पालन करते हुए जानकारी आयुष मंत्रालय को दी
  • दवा पतंजलि और राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार की गई, ट्रायल दिल्ली, मेरठ समेत देश के कई बड़े शहरों में किया गया

दैनिक भास्कर

Jun 24, 2020, 07:16 PM IST

योगगुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा ‘कोरोनिल’ बनाई है। बाबा रामदेव ने हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, दवा ट्रायल कोरोना के मरीजों पर किया गया है।

ट्रायल में सामने आया कि 69 फीसदी कोरोना के मरीज 3 दिन में रिकवर हुए। वहीं, 7 दिन तक दवा देने पर 100 फीसदी रिकवरी रेट रहा। पतंजलि ने तीन दवाओं की एक किट लॉन्च की। जिसमें टेबलेट के रूप में कोरोनिल, अणु तेल और श्वासारि वटी है।

दवा पर फिलहाल केन्द्र सरकार ने रोक लगा दी है। केंद्र ने कहा कि पतंजलि हमें इस दवा की जानकारी दे और हमारी जांच पूरी होने तक इसका प्रमोशन और विज्ञापन ना करे। इस कोरोना किट की कीमत 545 रुपए है। इसमें 30 दिन की दवाओं का डोज है। रामदेव का दावा है कि ये दवाएं इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ कोरोना का संक्रमण भी खत्म करती हैं।

आचार्य बालकृष्ण ने ट्विटर पर लिखा, ट्रायल में एक भी मौत नहीं हुई
रिसर्च पर उठे सवालों का जवाब पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार रात को ट्वीट करके दिया। आचार्य बालकृष्ण ने लिखा, हमने ट्रायल के नियमों का 100 फीसदी पालन करते हुए जानकारी आयुष मंत्रालय को दी है।

आयुर्वेदिक दवा तैयार होने की पूरी कहानी आचार्य ने अपने ट्वीट में दी है। उन्होंने लिखा, आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल किया गया। दवा देने के 3 से 15 दिन बाद कोरोना के रोगी की रिपोर्ट निगेटिव आई। ट्रायल में शामिल किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। 

आयुर्वेदिक दवा में मौजूद तत्व इम्युनिटी बढ़ाते हैं
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में दिव्य श्वासारि वटी., गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी और पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल के साथ दिव्य अणु तेल का प्रयोग किया है। इन दवाओं में फाइटोकेमिकल और जरूरी खनिज तत्व हैं जो कोरोना के लक्षणों का इलाज करने के साथ इम्युनिटी बढ़ाते हैं। 

क्लीनिकल ट्रायल में शामिल दवाएं कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ती हैं
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, क्लीनिकल ट्रायल में शामिल आयुर्वेदिक औषधियां इंसान के फेफड़े से लेकर रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाती हैं। ये कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ती हैं। जब कोरोना शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या बढ़ाने लगता है तो ये औषधियां उसे बाधित करती हैं। संक्रमण को कंट्रोल करते हुए कोरोना को खत्म करती हैं। 

कोरोनावायरस के कारण शरीर में होने वाली दिक्कतों और लक्षणों पर ये औषधियां तुरंत असर करती हैं। जैसे सर्दी, जुकाम, बुखार, निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ होने पर ये दवाएं असर दिखाती हैं। दवा के जरिए कोरोना के संक्रमण को कंट्रोल करके इलाज किया जाता है। 

रिसर्च को जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी
ट्वीट के मुताबिक, दवा का ट्रायल दिल्ली, अहमदाबाद और मेरठ समेत देश के कई शहरों में किया गया है। दवा को पतंजलि और राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी ने मिलकर तैयार किया है। रिसर्च को जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही पतंजलि की वेबसाइट पर रिसर्च की जानकारी विस्तार से मिलेगी। 

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