- एक स्टडी के अनुसार जिन बच्चों ने 14 हफ्तों तक चेस की क्लासेज लीं उनके आईक्यू में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी देखी गई
- फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में भी यह तथ्य निकलकर आया कि चेस खेलने वालों का आईक्यू लेवल बेहतर होता है
दैनिक भास्कर
May 11, 2020, 10:41 AM IST
अमेरिका की न्यू यॉर्क सिटी में 1898 में जन्मे विलियम जेम्स सिडिस का इंटेलिजेंस कोशंट यानी आईक्यू स्कोर 250 से 300 के बीच माना जाता है। वे महज पांच वर्ष के थे जब टाइप करने के साथ-साथ ग्रीक, लैटिन, फ्रेंच, रशियन, जर्मन और अंग्रेजी सहित कई भाषाएं सीख गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने छह वर्ष की उम्र में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाय किया था और आखिरकार वे ग्यारह वर्ष की उम्र में इसमें सफल भी हो गए थे।
दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने अपने ऊंचे आईक्यू स्कोर के चलते जीनियस होने का दर्जा हासिल किया है। इनके बारे में जानकर हरेक व्यक्ति, चाहे वह स्टूडेंट हो या प्रोफेशनल, के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या आईक्यू लेवल फिक्स होता है या इसे बढ़ाया जा सकता है। असल में न्यूरोसाइंटिस्ट्स अब इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वयस्क कुछ तरीके अपनाकर अपने आईक्यू लेवल को बदल सकते हैं।
क्या होता है जीनियस का आईक्यू स्कोर?
इंटेलिजेंस कोशंट का विकास 1912 में साइकोलॉजिस्ट विलियम स्टर्न ने किया। इसके लिए उन्होंने 100 को मीडियन स्कोर के तौर पर रखा। उनकी थ्योरी के अनुसार दो तिहाई जनसंख्या का आईक्यू 85 से 115 के बीच होता है जबकि 2.5% का 130 से ऊपर और इतने ही लोगों का 75 से कम होता है। एक बार आपका स्कोर 110 को छू जाए तो यह महत्वपूर्ण स्तर माना जाता है, 110 से 119 के बीच मजबूत इंटेलिजेंस, 120 से 140 के बीच अत्यधिक मजबूत इंटेलिजेंस और 140 से ऊपर का स्कोर यह दर्शाता है कि आप जीनियस हैं। यह जानना दिलचस्प है कि उच्च आईक्यू के वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम शामिल करने वालों में साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंसटीन (आईक्यू स्कोर 160 से 190 के बीच), कॉस्मोलॉजिस्ट क्रिस्टोफर हिराटा (आईक्यू स्कोर 225), फिजिसिस्ट स्टीफन हॉकिंग (आईक्यू स्कोर 160), चैस प्लेयर गैरी कैस्परॉव (194) जैसी हस्तियां हैं।
इन फ्री टेस्ट से जानें अपना स्कोर
अगर आप घर बैठे अपना आईक्यू स्कोर जानना चाहते हैं तो ऐसे कई ऑनलाइन टेस्ट हैं जिनकी मदद आप ले सकते हैं। जानिए ऐसे चार टेस्ट्स के बारे में-
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आईक्यू स्काेर जानने के लिए आप मेन्सा वर्कआउट का फ्री टेस्ट ले सकते हैं। 30 मिनट के इस टेस्ट में आपसे 30 सवाल पूछे जाते हैं। यह टेस्ट बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए उपलब्ध है।
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यह टेस्ट 8 साल के बच्चों से लेकर 60 वर्ष तक के लोग ले सकते हैं। टेस्ट में 60 सवाल पूछे जाते हैं जिनके लिए समय की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
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सभी उम्र के लोग यह टेस्ट ले सकते हैं। 26 मिनट 15 सेकेंड के इस टेस्ट में 35 सवालों के जवाब आपको देने होते हैं।
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इस टेस्ट में लॉजिक बेस्ड 39 सवाल हल करने के लिए आपको कुल 40 मिनट का समय दिया जाता है। टेस्ट के जरिए अपना आईक्यू जानने वालों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है।
आईक्यू में सुधार करने के तरीके
शतरंज खेलें : शतरंज खेलना ब्रेन की दोनों साइड्स को सक्रिय करता है जिससे कॉरपस कैलोसम मजबूत होता है। कॉरपस कैलोसम ब्रेन का वह हिस्सा है जो उसके दोनों भागों को जोड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अल्बर्ट आइंसटीन के तेज दिमाग के पीछे भी उनका मजबूत कॉरपस कैलोसम ही था। इसकी वजह से वे एक ही समय में अपने ब्रेन के दोनों हिस्सों का इस्तेमाल कर सकते थे। वेनेजुएला में हुई एक स्टडी के अनुसार जिन बच्चों ने 14 हफ्तों तक चेस की क्लासेज लीं उनके आईक्यू में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी देखी गई। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में भी यह तथ्य निकलकर आया कि चेस खेलने वालों का आईक्यू लेवल बेहतर होता है।
तेजी से दौड़ें : न्यूरोसाइंस में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एरोबिक एक्सरसाइज आपके ब्रेन के लिए बहुत फायदेमंद है। वास्तव में किसी भी ऑनलाइन ब्रेन गेम की तुलना में वर्कआउट आपके आईक्यू को बढ़ाने में ज्यादा मददगार है। स्वीडन में की गई एक स्टडी के अनुसार कार्डियोवास्कुलर फिटनेस आपकी वर्बल इंटेलिजेंस को 50 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली मारिया अबर्ग के अनुसार मजबूत मांसपेशियों से ज्यादा कार्डियोवास्कुलर फिटनेस आपके इंटेलिजेंस को प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप स्मार्ट बनना चाहते हैं तो केवल वेट लिफ्टिंग न करें स्प्रिंट करें यानी तेजी से दौड़ें।
ध्यान लगाएं : कई स्टडीज हैं जो कहती हैं कि दिन में केवल 20 मिनट के लिए ध्यान लगाना आपके मूड को बेहतर बनाने के साथ-साथ स्ट्रेस लेवल को कम करता है और आपकी दिमागी कुशलता में सुधार करता है। अगर आप अपने इंटरनेट सर्फिंग में लगने वाले समय में से 20 मिनट निकालकर Calm या Headspace जैसे एप्स की मदद से मेडिटेट करेंगे तो खुद को स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर पाएंगे।
पूरी नींद लें : यूके की लॉगबरो यूनिवर्सिटी के स्लीप रिसर्च सेंटर के अनुसार हर रात आठ घंटे की जरूरी नींद में से एक घंटा कम करने पर आपकी आईक्यू का लेवल घट सकता है। इनकी एक रिपोर्ट के अनुसार अगर नियमित रूप से दो घंटे की नींद कम ली जाए तो एक सामान्य आईक्यू वाला व्यक्ति मंदबुद्धि की बॉर्डरलाइन पर पहुंच सकता है।
नई लैंग्वेज सीखें : न्यूरोसाइंस के अनुसार नई लैंग्वेज सीखना आपके ब्रेन के विकास में मदद करता है। नई भाषा के इस्तेमाल से जुड़े नए नियम सीखना आपके कॉर्टिकल को थिक बनाते हैं और हिप्पोकैम्पस के आकार में भी वृद्धि करते हैं जो आपकी मेमोरी को शार्प बनाने का काम करता है।