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विटामिन डी की कमी से 70 प्रतिशत लोग हैं परेशान, इन चार ड्रिंक्स से दूर करें कमी

  • संतरे और अंगूर में होती ही विटामिन डी की भरपूर मात्रा
  • दूध के सेवन से विटामिन डी और कैल्शियम की नहीं होगी कमीं, रोज करें सेवन

दैनिक भास्कर

Feb 20, 2020, 12:01 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क. एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 70 प्रतिशत लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैशरीर में इसकी कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप है। अगर आपके पास धूप में बैठने का समय नहीं है तो आप अपने खाद्य पदाथों में कुछ चीजें शामिल करके भी इसकी कमी से बच सकते हैं।

अंगूर की स्मूदी

दूध, अंगूर, सूरजमुखी के बीजों को आपस में मिला लें। इसमें पुदीने की पत्तियों को मिक्स करें। इस स्मूदी को सुबह नाश्ते के साथ ले सकते हैं। इससे शरीर को मल्टी विटामिंस मिलते हैं और शरीर में विटामिन डी का अवशोषण भी पूरी तरह से हो जाता है। आप चाहें तो सोया मिल्क, केला और पाइनेप्पल को मिलाकर भी स्मूदी बना सकते हैं। अपने स्वाद के अनुसार इसमें मनपसंद फ्लेवर एड करें। विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए ऑरेंज और आम को मिलाकर बनाई गई स्मूदी भी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

अंगूर की स्मूदी।

ऑरेंज जूस

ऑरेंज जूस विटामिन सी रिच तो होता ही है, साथ ही में यह विटामिन डी की कमी को दूर करने में भी मदद करता है। पैक्ड ऑरेंज जूस की जगह घर पर ही संतरे का रस निकालें और रोज पिएं, इससे आपको फायदा होगा। इसका फ्लेवर बदलने के लिए पुदीने की पत्तियां या लेमन जूस भी मिला सकते हैं। इसके अलावा दही और दही से बनी चीजें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। आप घर में ही लस्सी या छाछ बनाकर पी सकते हैं।

संतरे का जूस।

सोया मिल्क

इसे सोयाबीन को सुखाकर और पानी के साथ पीस कर बनाया जाता है। इसमें विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है। इस दूध को चाहें तो आप यूं ही पी सकते हैं या फिर डॉक्टर की सलाह से इसमें कोई ऐसा फ्लेवर पाउडर ऐड कर सकते हैं जिसमें विटामिन डी हो। इसके अलावा सोया मिल्क से बने टोफू के एक प्याले में 39 फीसदी विटामिन डी होता है। टोफू कैल्शियम और प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत होता है।

सोया मिल्क।

दूध

यह विटामिन डी का रिच सोर्स है। लो फैट दूध के बजाय फुल क्रीम दूध में विटामिन डी और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। एक सामान्य व्यक्ति कोे दिन में 450 मिली से 500 मिली तक दूध या दूध से बने पदार्थ जैसे दही, छेना या पनीर का सेवन करना चाहिए। हालांकि दूध में शक्कर की मात्रा सीमित ही रखें।

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