- मेडागास्कर के लोग शव को उठा कर करते हैं डांस।
- रोम में मरे हुए लोगों को वाइन और केक खिलाया जाता है।
दैनिक भास्कर
Feb 20, 2020, 05:59 PM IST
लाइफस्टाइल डेस्क. दुनिया के हर देश की कुछ अपनी रीति रिवाज़ और प्रथाएं होती हैं। कुछ देश ऐसे हैं जहां शवों को जलाकर उनकी राख खाई जाती है तो कुछ देश ऐसे भी हैं जहां मृतक के परिवार के एक सदस्य की उंगली काटी जाती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अजीबो-गरीब रिवाज़ों के बारे में….
मेडागास्कर: शवों के साथ करते हैं डांस
मलागासी जनजाति के लोग फमादियन को मानते हैं। इस रिवाज़ के अनुसार मृतक के शरीर को साधारण तरह से दफनाते हैं। कुछ दिनों बाद जब शव पूरी तरह से खत्म हो जाता है तो परिवार वालों द्वारा शव को कब्र से दोबारा निकालकर उसे साफ कपड़े में लपेटा जाता है। बाद में उस शव को परिवार और करीबी लोग अपने सिर में रखकर डांस करते हैं। मलागासी के लोगों का मानना है की दफनाने के बाद मृतक का शरीर उनके पूर्वजों के पास पहुंच जाता है इसलिए वो उन्हें सम्मान देते हुए डांस करते हैं।
रोम: मुर्दों को खिलाते हैं खाना
रोमन कल्चर के मुताबिक मृतक को साधारण तरह से दफनाया जाता है। रोमन लोगों की कब्र बाकी लोगों से जरा हटके होती है। इन कब्रों में एक पाइप लगा होता है जो कब्र में मृतकों को खाना देने के लिए होता है। रोमन कैलेंडर के अनुसार 1 मार्च को नए साल की शुरुआत होती है जिसके 9 दिन पहले से पैरेंटेलिया त्यौहार मनाया जाता है। हर साल 21 फरवरी को सभी रोमन लोग अपने परिवार वालों की कब्र पर जाकर पाइप से केक और वाइन खिलाकर उन्हें खुश करते हैं।
इंडोनेशिया: मृतक के परिवार की महिलाओं की काटी जाती है उंगली
इंडोनेशिया के दानी ट्राइब एक अलग ही तरह की प्रथा को मानते हैं। यहां किसी भी व्यक्ति के मरने पर उसके परिवार की एक महिला की उंगली को काटा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। इस रिवाज़ को इकीपलिन कहा जाता है जिसपर कुछ सालों पहले ही इंडोनेशिया की सरकार ने पाबंदी लगा दी है। हालांकि अब भी कई आदिवासी इसका पालन करते हैं।
ब्राजील और वेनेजुएला: शव को जलाकर परिवार खाता है राख
ब्राजील और वेनेजुएला के योनामामो जनजाति के लोग अपने परिवार वालों को मरने के बाद भी हमेशा याद रखने के लिए उनकी राख खाते हैं। उनका मानना है कि मृतक का कोई भी सामान या अंग रखना पाप है इसलिए वो मृतक की राख खाते हैं जिससे वो हमेशा के लिए उनके साथ रहे। शव दहन के बाद जितनी भी राख बचती है उसे परिवार के सभी लोगों में बराबर बाटा जाता है जिससे इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सके।