- रीढ़ की हड्डी को मजबूत और अनिद्रा, माइग्रेन को ठीक करता है फलकासन।
- पाचन और कब्ज़ संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लाभकारी है नोकासन।
दैनिक भास्कर
Feb 27, 2020, 02:05 PM IST
लाइफस्टाइल डेस्क. गर आप योग अभ्यास की शुरुआत कर रहे हैं तो यह आसन एक आदर्श आसन है। इसे नियमित रूप से करने पर पेट की मसल्स टोन होती हैं। इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
फलकासन
विधि: अपने आसन पर खड़े हो जाएं। आगे झुकते हुए शरीर का वजन दोनों हाथों पर स्थिर रखें। अब पैरों को अधिकतम पीछे ले जाते हुए पुशअप स्थिति में रखें। हाथों की अंगुलियों को फैलाकर रखें और हाथों को बिल्कुल सीधा रखें। इस स्थिति में शरीर और दोनों पैर सीधे हो जाएंगे। टेलबोन को थोड़ा नीचे की ओर रखें। अब सिर को आगे कि ओर झुकाते हुए शरीर को एक सीध में ले आएं। अपनी एड़ी को थोड़ा दबाकर रखें ताकि घुटने सीधे रहें। 30-40 सेकंड इसी स्थिति में रहें। अब घुटनों को मोड़कर इस आसन से बाहर निकलें। अपने पैरों को मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आएं।
लाभ: यह आसन लोअर बैक, घुटने, कुल्हों की मांसपेशियों को जोड़ता है। श्वसन तंत्र में सुधार लाता है। हड्डियों को मजबूत बनाता है।
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। अनिद्रा, माइग्रेन को ठीक करता है।
तनाव को कम करता है।
पेट की मांसपेशियों को टोन करता है। वजन कम करने में सहायक है।
सावधानियां: पीठ की चोट होने पर यह आसन न करें।
कलाई कमजोर होने पर धीरे-धीरे क्षमता बढाएं।
कंधे की समस्या होने पर यह आसन बिल्कुल न करें।
विशेष : इस आसन को सुबह खाली पेट करने पर विशेष लाभ होता है।
नौकासन
विधि: आसन पर पीठ के बल लेट जाएं। हथेलियां जमीन पर और गर्दन सीधी व पैर मिले हुए हों। अब अपने दोनों पैर,गर्दन और हाथों को धीरे-धीरे एक साथ इतना ऊपर उठाएं कि पूरे शरीर का वजन नितम्बों पर आ जाए। दस सेकंड इसी अवस्था में रुक कर धीरे-धीरे वापस आ जाएं।
इसके फायदे: पाचन संबंधी रोगों में लाभकारी है। कब्ज के लिए फायदेमंद।
यूटरस संबंधित रोग दूर करने में सहायक है।
पेट व कमर की चर्बी कम करने में मददगार है।
बरतें सावधानी: हृदय रोगी, कमर दर्द, दिल के रोगी व पेट के रोग होने पर इसे ना करें।