- आंखों में रंग जाने पर सबसे पहले पानी से धोएं, इसे मलने या रगड़ने से बचें
- अधिक तेल वाले पकवानों की जगह लिक्विड चीजें जैसे नींबू पानी और जूस लेना बेहतर विकल्प है
- रंग वाले हाथों से खाने की चीजें न छुएं, रंग छुड़ाने के लिए स्क्रब का इस्तेमाल न करें
- रंग खेलने से 20 से 30 मिनट पहले स्किन पर क्रीम, लोशन या तेल का इस्तेमाल करें
दैनिक भास्कर
Mar 08, 2020, 01:22 PM IST
लाइफस्टाइल डेस्क. होली रंगों और मस्ती का त्योहार है इसका आनंद लें लेकिन थोड़ा संभलकर। केमिकल वाले रंगों से बचें, अधिक तलाभुना खाना सीमित मात्रा में लें और आंखों का खास ध्यान रखें। डायबिटीज, हार्ट और अस्थमा के पेशेंट हैं तो अपनी रेग्युलर लाइफस्टाइल को फाॅलो करें। होली के मौके जानिए ऐसी ही 10 बातें जो आपको रखेंगी सेहतमंद…
10 प्वाइंट्स : किन बातों का रखें ख्याल
डायटीशियन डॉ. देबजानी, के मुताबिक, इस मौके पर हर घर में अलग-अलग तरह के पकवान बनते हैं। ये तले-भुने होने के साथ शक्कर की मात्रा भी ज्यादा होती है। इनका स्वाद ले सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में। अधिक मात्रा में खाने पर बदहजमी का शिकार हो सकते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
- अधिक तली हुई चीजों को खाने पर खट्टी डकार, सीने में जलन, गैस, उल्टी-दस्त जैसी दिक्कतों से गुजरना पड़ सकता है। कुछ मामलों में फूड प्वॉइजनिंग का कारण बन सकता है। इसलिए पकवानों को कम मात्रा में ही लें। दिन में कई बार पकवान खा चुके हैं तो रात का खाना बेहद हल्का करें।
- रंग वाले हाथों से खाने की चीजें न छुएं। इससे केमिकल शरीर में पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है। बेहतर तरीका है त्योहार में लिक्विड चीजों को अधिक लें। खासकर पानी की कमी न होने दें। इनमें छाछ, नींबू पानी और जूस को शामिल कर सकते हैं।
- जिन लोगों का हाजमा सही नहीं है, या जो डायबिटीज या हार्ट पेशेंट हैं, उन्हें बेहद कम मात्रा में ही पकवानों को खाना चाहिए। बेहतर तरीका है कि तली-भुनी, मसालेदार और मीठी चीजें खाने की बजाय फल या ड्राय फ्रूट्स लें। होली पर अक्सर लोग बाजार से गुझिया, मठरी खरीद कर लाते हैं, अगर इन्हें घर में ही तैयार किया जाए तो बेहतर होगा।
ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ. अदिति दुसाज के मुताबिक, होली खेलने के दौरान सबसे जरूरी बात है रंगों को आंखों में जाने से बचाना। रंगों में मौजूद लेड, सिलिका जैसे केमिकल आंखों में इंफेक्शन, जलन, सूजन और दर्द का कारण बनते हैं। आंखों में रंग जाने पर सबसे पहले पानी से धोएं, इसे मलने या रगड़ने से बचें।
- रंग खेलने के बाद आंखों में किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर आई स्पेशलिस्ट को दिखाएं। होली के दौरान कई बार लोग मोबिल और पेंट का इस्तेमाल करते हैं इनसे बचें।
- हर्बल रंगों और हर्बल गुलाल का प्रयोग करें। हमेशा साफ पानी में ही रंग घोलें।
- जो बच्चे चश्मा लगाते हैं, वे चश्मा उतारकर होली खेलें। होली खेलने के दौरान चश्मा टूटने पर इसके कांच आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निपुन जैन बताते हैं कि कई बार रंग या गुलाल खेलने के बाद स्किन में जलन होना, लाल चकत्ते, खुजली, छोटे-छोटे दाने या फुंसियाें की शिकायत होती है। इनकी वजह रंग में मिले केमिकल होते हैं, जो स्किन एलर्जी का कारण भी बनते हैं।
- कोशिश करें ऑर्गेनिक कलर्स का प्रयोग करें। चाहें तो कलर्स की जगह नेचुरल प्रोडक्ट जैसे हल्दी, चंदन, नील आदि का प्रयोग कर सकते हैं। ये आपकी स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। रंग खेलने से 20 से 30 मिनट पहले अपनी स्किन पर क्रीम, लोशन या तेल का इस्तेमाल करें। इससे कलर्स आपकी स्किन पर सीधा असर नहीं डाल पाएंगेे और आप नुकसान से बच जाएंगे।
- रंग खेलने से पहले अपने चेहरे पर वाटर रेसिस्टेंट या वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लगाएं। इसके साथ ही, रंग खेलने से पहले फेशियल, ब्लीच या केमिकल पील करवाने से भी बचें। होली में अधिक देर तक भीगने से बचें। ये बुखार, गले में खराश, सांस की परेशानी का कारण बन सकता है। हार्ट और अस्थमा पेशेंट रंग से बचकर ही रहें। बच्चों को लेकर विशेष तौर पर सावधानी बरतें।
- रंग निकालने के लिए जेंटल क्लींजर या माइल्ड क्रीमी साबुन का इस्तेमाल करें। कलर निकालने के लिए स्क्रब का इस्तेमाल न करें। कई कलर ऑयल साॅल्यूबल होते हैं और वे पानी से नहीं निकलते हैं। ऐसे कलर को निकालने के लिए हल्के हाथों से तेल की मसाज करें। उसके बाद जेंटल क्लींजर लगाकर रंग निकालें।