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कोरोना वायरस की पहली और दूसरी जांच मुफ्त होगी, ट्रेनों में भी स्क्रीनिंग शुरू; एम्स ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुफ्त जांच की जानकारी स्पष्ट की, 80.56 लाख से अधिक एन95 फेस मास्क के ऑर्डर दिए गए
  • रेलवे ने तिरुवनंतपुरम से ट्रेनों की स्क्रीनिंग शुरू की, यात्रियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए जा रहे

दैनिक भास्कर

Mar 16, 2020, 11:59 AM IST

हेल्थ डेस्क. देश में कोरोना वायरस की पहली और दूसरी जांच मुफ्त होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कुमार ने रविवार को ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की पुष्टि के लिए आवश्यक पहली और दूसरी जांच के लिए किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। कोरोना की जांच के लिए आवश्यक उपकरणों और सुविधाओं की देश में कोई कमी नहीं है। अभी तक पूरी क्षमता का सिर्फ 10 फीसदी का ही इस्तेमाल हुआ है।

एम्स ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर
संजीव कुमार के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 80.56 लाख एन95 अतिरिक्त मास्क और सुरक्षा उपकरण के ऑर्डर दिए गए हैं। एम्स ने कोरोना को लेकर हेल्पलाइन नंबर-9971876591 जारी किया है। हेल्पलाइन पर चौबीस घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।

ट्रेन में भी स्क्रीनिंग शुरू
भारतीय रेलवे ट्रेन में भी यात्रियों को सावधानी बरतने का निर्देश दे रहा है, साथ ही तिरवनंतपुरम में ट्रेनों में स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। कोच को सेनेटाइज किया जा रहा है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए कुछ तस्वीरें और वीडियो ट्विटर पर शेयर किए हैं। 

साढ़े सात हजार सैंपल की जांच हुई   
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक डॉ आर गंगाखेड़कर ने बताया कि अभी तक साढ़े सात हजार से ज्यादा सैंपल की जांच हो चुकी है। किसी भी संदिग्ध की दो बार जांच की जाती है। हालांकि, अभी संदिग्ध की जांच का पूरा खर्च सरकार उठा रही है। पहली जांच में 1500 रुपए खर्च होते हैं। दोनों बार की जांच मिलाकर सरकार को करीब 5000 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। चार हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो कोराना मरीज के किसी न किसी रूप में संपर्क में आए हैं उनको सर्विलांस पर रखा गया है।

सैंपल पहुंचने में 6 से 10 घंटे का समय लग रहा

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि हवाईजहाज की उपलब्धता के अनुसार लैब तक सैंपल पहुंचाने में 6 से 10 घंटे तक लग रहे हैं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत सिंह ने बताया कि सैंपल की जांच में छह घंटे का समय लगता है, लेकिन यह समय कई बार बढ़ जाता है क्योंकि एक बार मशीन पर सैंपल की जांच होने लगी और उसके बाद कुछ सैंपल उसी लैब में जांच के लिए पहुंचे तो जांच का समय छह घंटे की जगह 14 से 16 घंटे तक हो जाता है।

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