- केरल के एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना मरीजों को दिया गया लोपिनाविर और रिटोनाविर का कॉम्बिनेशन
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आईसीएमआर को भी इन दवाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति दी
दैनिक भास्कर
Mar 19, 2020, 02:43 PM IST
हेल्थ डेस्क. केरल में पहली बार डॉक्टरों ने कोरोनावायरस के मरीजों पर इलाज के लिए एचआईवी ड्रग का इस्तेमाल किया है। एचआईवी ड्रग के कॉम्बिनेशन में लोपिनाविर और रिटोनाविर दवा शामिल है जिसे केरल के एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना मरीजों को दिया गया है। मनाेरमा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हॉस्पिटल में कोरोना के तीन मरीज भर्ती हुए हैं, इसमें एक बच्चा भी है। मरीजों को इस दवा का कॉम्बिनेशन दिया गया है और अब उनकी हालत में सुधार है।
क्या है ड्रग की खासियत
लोपिनाविर और रिटोनाविर एंटी रेट्रोवायरल दवा है। जो एड्स के वायरस (एचआईवी) को शरीर में घुसने से रोकती हैं। हालिया एक शोध के मुताबिक, ये दवा नए कोरोनावायरस के मरीजों में सुधार के लिए बेहतर है। भारत इस समय इन दोनों दवाइयों का निर्यात अफ्रीकी देशों को करता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आईसीएमआर को इस बात की अनुमति दी है कि Covid-19 के इलाज में एंटी एचआईवी दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
राजस्थान और ओडिशा में भी हुआ इस्तेमाल
कोरोना के मामले में ड्रग के इस कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल दुनिया के कई हिस्सों में किया गया है, जिसमें कोरोनावायरस का गढ़ वुहान भी शामिल है। राजस्थान और ओडिशा के हास्पिटल में इस कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया गया है।
मरीज पर सकारात्मक असर
इटली से भारत आई दंपति के इलाज में लोपिनाविर और रिटोनाविर कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया गया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव के मुताबिक, दंपति की सहमति लेकर दोनों दवाई दी गईं। इसका असर अच्छा हुआ। 14 दिनों बाद अब वे लगभग स्वस्थ हैं।