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वॉर्नर ने कहा- गेंद पर लार के इस्तेमाल को रोकना जरूरी नहीं, इससे ज्यादा घातक ड्रेसिंग रूम और अन्य चीजें शेयर करना है

  • आईसीसी की मेडिकल कमेटी के प्रमुख ने कुछ दिन पहले कहा था- कोरोनावायरस के कारण गेंद को लार से चमकाना खतरनाक
  • पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वकार युनूस ने कहा था- लार और पसीने का इस्तेमाल आदत की तरह, इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते

दैनिक भास्कर

Apr 30, 2020, 10:31 PM IST

कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल को लेकर बहस जारी है। इसमें अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वॉर्नर भी शामिल हो गए हैं। वे नहीं मानते हैं कि भविष्य में गेंद पर लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत है। उन्हें लगता है कि इससे ज्यादा खतरनाक खिलाड़ियों का ड्रेसिंग रूम और अन्य चीजें शेयर करना है। इससे पहले सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा के अलावा वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग और पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस भी लार इस्तेमाल का समर्थन कर चुके हैं।

कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए लार से गेंद चमकाने के मुद्दे को आईसीसी की मेडिकल कमेटी के प्रमुख पीटर हरकोर्ट ने बैठक में उठाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संक्रमण की आशंका को देखते हुए लाल बॉल को चमकाने के लिए अब लार की जगह आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है।

‘लार के इस्तेमाल से अब तक कोई बीमार नहीं हुआ’
वॉर्नर ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, ‘‘आप ड्रेसिंग रूम और अन्य चीजें शेयर कर रहे हैं, जो ज्यादा खतरनाक है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इसे (लार के इस्तेमाल) बदलने की जरूरत है। यह सैकड़ों साल से चला आ रहा है। मुझे याद भी नहीं है कि इससे कोई बीमार हुआ हो। संक्रमण फैलाने के लिए एक यही चीज जरूरी नहीं है। मैं यह नहीं कह सकता कि गेंद को चमकाने के लिए लार को  इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। इस पर फैसला लेने का काम आईसीसी और संचालन संस्थाओं का है।’’

शॉन टैट लार के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं
वहीं, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शॉन टैट के विचार वॉर्नर के बिल्कुल उलट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लार का इस्तेमाल अब पुरानी बात हो गई है। ऐसे में हमें नए बदलावों को स्वीकार करना चाहिए। मैं गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हूं। यह बिल्कुल अच्छा नहीं है।’’

माहौल ठीक होने के बाद ही क्रिकेट शुरू हो: होल्डिंग
माइकल होल्डिंग ने कहा था, ‘‘आईसीसी को ऐसी स्थिति का सामना करने की जगह क्रिकेट को तभी शुरू करना चाहिए, जब माहौल पूरी तरह से सही हो। आईसीसी के मुताबिक क्रिकेट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा। इस अवधि को पूरा करने के बाद खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे तो फिर लार का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते। अगर दो हफ्ते अलग रहने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य पर सवाल उठता है तो आप ऐसी स्थिति में क्रिकेट कैसे खेलेंगे इसका यह मतलब होगा कि आप सबको खतरे में डाल रहे हैं।’’

गेंद पर आर्टिफिशियल पदार्थ का इस्तेमाल खेल शुरू करने की छटपटाहट: वकार
वकार यूनुस ने क्रिकइन्फो से कहा था, ‘‘एक तेज गेंदबाज के तौर पर मैं इसे मंजूर नहीं करूंगा, क्योंकि लार और पसीने का इस्तेमाल करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह आदत की तरह है आप इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते। आप गेंदबाज को बाहरी चीज लगाने के लिए दे सकते है। लेकिन खेल के दौरान उसे लार और पसीने का इस्तेमाल करने से रोकना किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा। मुझे लगता है कि इस तरह के आइडिया खेल को जल्दी शुरू करनी छटपटाहट भर हैं।’’

बॉल टेम्परिंग के कारण स्मिथ-वॉर्नर पर 1-1 साल का प्रतिबंध लगा था
दक्षिण अफ्रीका में स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को मार्च 2018 में बॉल टेम्परिंग के कारण शर्मसार होना पड़ा था। इसको लेकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग समेत कई दिग्गजों ने खिलाड़ियों की आलोचना की थी। केपटाउन टेस्ट में हुई इस घटना के बाद स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर 1 साल का प्रतिबंध लगा था, जबकि कैमरून बेनक्राफ्ट को 9 महीने के लिए निलंबित किया गया था। यह तीनों खिलाड़ी सैंडपेपर का इस्तेमाल करके गेंद से छेड़छाड़ करने के दोषी पाए गए थे।

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