- वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले बॉक्सर अमित पांघल ने गेहूं की पैकिंग भी की
- हॉकी खिलाड़ी पूनम मलिक और दो बार के ओलिंपियन बॉक्सर मनोज कुमार ने भी गेहूं की कटाई की
दैनिक भास्कर
May 01, 2020, 03:53 PM IST
कोरोनावायरस की वजह से देश में लोग घरों में कैद हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों को हो रही है। उन्हें फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कुछ इंटरनेशनल खिलाड़ी अपने खेती- किसानी के काम में जुटे हैं। इनमें बॉक्सर अमित पांघल और मनोज कुमार के अलावा महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी पूनम मलिक भी शामिल हैं। हाल ही में पूनम ने ट्वीट मेंं कहा था कि कोई किसानोंं का हक छीनने का काम न करे।
पैरालिंपिक एथलीट रिंकु ने मशीन से गेहूं की कटाई की
रियो पैरालिंपिक गेम्स के जेवलिन में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले रिंकु हुड्डा ने कहा, ‘‘मेरा काम मशीन से गेहूं की कटाई करवाना है। 9 एकड़ के गेहूं की कटाई मशीन से पूरी हो गई है। आधी एकड़ और बची है। उम्मीद करता हूं कि बारिश से पहले गेहूं की पैकिंग का भी काम हो जाएगा।’’
बॉक्सर अमित पांघल ने कहा- लॉकडाउन की वजह से मौका मिला, घर का काम कर अच्छा लगा
पिछले साल वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले बॉक्सर अमित पांघल भी इन दिनों रोहतक के अपने मान्या गांव में हैं। यहां वे खेती के काम में परिवार की मदद कर रहे हैं। अमित ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने परिवार वालों का बिना कहे ही सहयोग करता हूं, लेकिन बॉक्सिंग के कारण मैं गेहूं की कटाई के समय गांव से बाहर ही रहा हूं। लॉकडाउन के कारण गांव में हूं। अब मुझे परिवार वालों के साथ गेहूं की कटाई और पैकिंग करने का मौका मिला है। किसान पुत्र होने कारण यह करने में मुझे संतुष्टि मिली है।’’
पूनम ने पहली बार गेहूं की कटाई की
- 200 इंटरनेशनल मैचों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हिसार की हॉकी खिलाड़ी पूनम मलिक लॉकडाउन के कारण अपने गांव उमरा में है। उन्होंने एक अग्रेंजी अखबार को बताया- लॉक डाउन के कारण सभी खेलों पर रोक लगी हुई है। ट्रेनिंग कैंप भी स्थगित हो गए हैं। लॉकडाउन के कारण गेहूं की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में वह परिवार के लोगों के साथ अपने खेत में जाकर गेहूं की कटाई कर रही हैं। उन्होंने पहली बार गेहूं कटाई की है। वे गांव में ही पली-बढ़ी हुई हैं, लेकिन गेहूं की कटाई के समय में वे खेल के कारण ज्यादा समय गांव से बाहर ही रही हैं।
- मलिक ने बताया कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ चार दिन गेहूं की कटाई करने के लिए गईं। उन्होंने परिवार के अन्य चार सदस्यों के साथ चार दिन में एक एकड़ गेहूं की कटाई का काम को पूरा किया है। वह सुबह और शाम दो टाइम गेहूं की कटाई करने के लिए खेत में जाती थीं। इन चार दिनों का अनुभव उनका काफी अच्छा रहा। वह बताती हैं कि चार दिनों में दरांती को हैंडल करना अच्छी तरह से सीख लिया है। पूनम ने 26 अप्रैल को ट्विटर पर एक कविता भी शेयर की थी।
हम मेहनत का जगवालो से जब अपना हिसाब मांगेगे!
एक खेत नहीं,एक बाग नहीं
हम पूरी दुनिया मांगेगे!
ये पर्वत पर्वत ही रहे,
यहां सागर सागर मोती है!
ये सारा माल हमारा है
हम पूरा खजाना मांगेगे!
किसान का हक छीनने का कोई काम न करे। जय जवान जय किसान@narendramodi @cmohry @DeependerSHooda pic.twitter.com/PNENycVxrg— Poonam Rani Malik15 (@PoonamHockey) April 25, 2020
मनोज कुमार ने बताया- खेल की वजह से वक्त ही नहीं मिलता था
दो बार ओलिंपिक में बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके मनोज कुमार बताते हैं कि 1999 के बाद यह दूसरा मौका है, जब वह गेहूं की कटाई के सीजन में अपने गांव राजौंद (कैथल) में हैं। उन्होंने बचपन में बड़ों को ही गेहूं की कटाई करते देखा है। वह भी कई बार मौज- मस्ती करने के लिए उनके साथ गेहूं की कटाई करने के लिए जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अभी अपने घर पर हैं। चूंकि मजदूर नहीं मिल रहे हैं, इसलिए वह सही मायनों में अब खेतों में जाकर गेहूं की कटाई कर रहे हैं।