- दरवाजे का हैंडल या चारपहिया वाहन की स्टीयरिंग छूते हैं तो भी साबुन से हाथ जरूर धोएं
- साबुन का इस्तेमाल न कर पाने पर 60% अल्कोहल वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल करें
दैनिक भास्कर
Mar 22, 2020, 01:16 PM IST
हेल्थ डेस्क. देश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा गया। लोग घरों में कैद हुए। इसी बीच, ज्यादातर नौकरीपेशा लोग घर से काम कर रहे हैं। यह एक तरह का आइसोलेशन है, जो मामलों में कमी लाता है। फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है। जानिए वो 10 एहतियाती कदम जो घर या ऑफिस में ध्यान रखने की जरूरत है।
इन बातों का ध्यान रखने की जरूरत:
1) पेट्स को घुमाने ले जाएं तो साबुन से हाथ धोएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, पालतू जानवरों से कोरोना फैलने के अब तक प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन, एहतियात के तौर पर इनके साथ संपर्क में आने पर साबुन से हाथ जरूर धोएं। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, यह महज भ्रांति है कि पालतु जानवर जैसे बिल्ली-कुत्ते से कोरोनावायरस फैलता है। यह वायरस केवल इंसान से इंसान में फैलता है।
2) नोट या करंसी छूते हैं तो भी हाथ धोएं
कोरोनावायरस करंसी नोट/सिक्कों के जरिए फैलता है या नहीं, इस पर अब तक कोई रिसर्च नहीं हुई है। अमेरिका में हुए शोध में कहा गया था कि ‘सार्स कोरोना वायरस कागज को 72 घंटे तक और कपड़े को 96 घंटे तक संक्रमित रख सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जिन देशों में कोरोना वायरस संक्रमण फैला है, वहां के करंसी नोट या सिक्के हाथ में लेने के बाद, अपने चेहरे, मुंह, नाक, कान या आंख को ना छुएं। ऐसे में कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा भुगतान ऑनलाइन ही करें। इसी तरह अगर दरवाजे का हैंडल या चारपहिया की स्टीयरिंग छूते हैं तो भी हाथ जरूर धोएं।
3) ऑफिस में हैं तो भी 3 फीट की दूरी बनाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, घर हो या ऑफिस ऐसे लोग जो खांस या छींक रहे हैं उनसे एक मीटर या 3 फीट की दूरी जरूर बनाएं। खांसने या छींकने पर नाक और मुंह से निकलने वालीं बूंदों में मौजूद वायरस हवा में फैलता है और दूसरों तक पहुंचता है इसलिए बचाव बेहद जरूरी है।
4) आंख, नाक और मुंह को न छुएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बिना हाथ धोऐ आंख, नाक और मुंह को न छुएं। हाथ के जरिए वायरस शरीर में पहुंच सकता है। दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें यह 60% अल्कोहल वाला होना चाहिए।
5) डिस्पोजेबल मास्क दोबारा इस्तेमाल न करें
अगर कोरोना से संक्रमित इंसान से मिल रहे हैं, आसपास ऐसा कोई मामला है या हॉस्पिटल जा रहे हैं तो मास्क जरूर पहनें। ध्यान रखें इसे नाक, मुंह और ठोड़ी के ऊपर लगाएं। गैप न हो और ठीक से फिट हो। डिस्पोजेबल मास्क का दोबारा प्रयोग न करें और प्रयोग हो चुके मास्क को कीटाणुरहित करके बंद कूड़ेदान में डालें। मास्क का प्रयोग करते समय या उतारते समय गंदी बाहरी सतह को न छुएं। मास्क हटाने के बाद हाथों को साबुन या अल्कोहल आधारित हैंड रब से धोएं।
6) थर्मल स्कैनिंग कराएं लेकिन लक्षणों पर भी नजर रखें
थर्मल स्कैनर बॉडी टेंपरेचर का पता कर केवल बुखार के बारे में बता सकता है। कोई इंसान कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं, उसका पता थर्मल स्कैनिंग से नहीं लगाया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने में कम से कम 2 से 10 दिन तक का समय लगता है। शरीर का तापमान 98.6 फारेनहाइट पहुंच गया है तो डॉक्टरी सलाह लेने की जरूरत है। इसलिए अगर खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से बात करें।
7) बच्चे और बुजुर्ग दोनों को ध्यान रखने की जरूरत
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, कोरोनावायरस का खतरा बुजुर्गों और बच्चों दोनों को है। जिनकी उम्र 70 साल या अधिक है और ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिसीज या पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें खतरा ज्यादा है। इसलिए सभी एहतियात बरतने की जरूरत है।
8) वायरस का संक्रमण हुआ है या नहीं, ऐसे समझें
इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे दिखते हैं। कफ, गले में सूजन, सिरदर्द, कई दिनों तक तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो तो यह कोरोनावायरस के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में सतर्क होने की जरूरत है। विशेषज्ञ से सलाह लें।
9) 60% अल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइजर जरूरी
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन की प्रोफेसर सैली ब्लूमफील्ड के मुताबिक, कोरोनावायरस का आवरण जिस तरह का है उस पर अल्कोहल जैल अटैक करने में समर्थ है। जिन सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा 60% से अधिक होती है, वे माइक्रोब्स को खत्म करने में असरदार साबित होते हैं। लेकिन, ध्यान रखें इसे कभी भी घर पर न तैयार करें, स्किन को नुकसान पहुंच सकता है।
10) दूसरे देश से आयातित सामानों को कुछ दिन न छुएं
वेबसाइट वेब एमडी के मुताबिक, दुनियाभर के देशों से आने वाली चीजों को कुछ दिन न छुएं। कई दिनों तक इनकी सतह पर वायरस रहता है। इसके अलावा भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।